________________
- (६८) बाग, ए० के०, सिम्बल फार जीरो इन मेथामेटिकल
नोटेशन्स इन इंडिया, बोलेटीन दे ला अकादेमिया नेशनल दे साइंसियाज, रोम ४८, प्राइमर पार्टे, १६७०, पृ० २४७-५४.
(६६) बेल, ई० टी०, महावीर से डायफेन्टाइन सिस्टम, बु० के० मे० सो०, २८, १९४६, पृ० १२१-२२. (७०) दत्त, बी० बी०, जामेट्री इन दो जैन कास्मोग्राफी,
क्वेलेन उंट स्टूडिएन जुर गिशिख्ते डेर मेथामेटिक, अब्टाइलुक, बैंड १, १६३०, पृ० २४५-५४ (७१) दत्त, बी० बी०, मेथामेटिक ऑफ नेमिचन्द्र, जैन
एंटीक्वेरी, भाग १, अंक २, १९३५, पृ० २५-४४ ( ७२ ) - गुप्ता, आर० सी०, सरकम्फियरेंस ऑफ दी जंबूद्वीप इन जैन कास्मोग्राफी, आई० जे०एच०एस०, १०१, १६७५, पृ० ३८-४६
(७३) जैन, एल० सी०, सिस्टम थ्योरी इन जंन स्कूल ऑफ मेयामेटिक्स, आई० जे० एम०एस० १४.१ १९७६ पृ० ३१-६५
(७४) जैन, एल० सी० दी का इनेमेटिक मोशन ऑफ एस्ट्रल रोयल एण्ड काउण्टर बाडीज इन त्रिलोकसार, आई० जे० एच० एस० २१, १६७५, पृ० ५८-७४ (७५) जैन, एल० सी०, आन सरटेन फिजीकल थ्योरीज इन जैन एस्ट्रानामी, दी जैन एंटीक्वेरी, २१-१/२, १९७६, पृ० ६-११
"
(७१) जैन, एम० सी० आर्यभट एण्ड यतिवृषभ, ए, स्टडी इन कल्प एण्ड मेरु, आई० जे० एच०एस०, १२२, १६७७, पृ० १३५-१४६
(७७) जैन, एस० सी० आन प्रावेबिल स्पाइरो - एलिप्टिक मोशन ऑफ दी सन इम्प्लायड इन दो तिलोयपण्णत्ति, आई० जे० एच० एस० १३ १, १९७८ पृ० ४२-४६ (७८) जैन, एल० सी०, एक्जेक्ट साइंसेज फ्राम जंन सोर्सेज भाग १ (बेसिक मेवामेटिक्स) भाग २ ( ऐस्ट्रानामी एण्ड कास्मालाजी), जयपुर, दिल्ली, १६८२ / ११०२, पृ० १-४०/ पृ० १-७२
(७९) थिबो, जी०, आन दी सूर्य प्रज्ञप्ति, जर्नल ऑफ एशि० सो० ऑफ बंगाल, ४६ (१). १८८०, पृ० १०७१२८, १८१-२०६
(८०) थियो, जी०, कांट्रिब्यूशन टू बी एक्प्लेनेशन ऑफ ज्योतिष वेदांग, जर्नल ए० सो० बंगाल, ४६ (१), १८७७, पृ० ४११-४३७
गणितानुयोग प्रस्तावना | ७५
(८१) वलोदक, ए० आई०, एबाउट ट्रिटाइज ऑफ महावीर (रूसी भाषा), फिजिको मेवामेटिक्स, नउकी वा स्ट्रानख वस्तोका विपुस्क II (v), मास्को, १६६७, पृ० ८ १३०
(२) सिंह, ए० एन०, हिस्ट्री ऑफ मेथामेटिक्स इन इंडिया फ्राम जैन सोर्सेज, जैन एंटीक्वेरी, भाग १५, अंक २, १९४६, पृ० ४६-५३, भाग १६, अंक २, १६५०, पृ० ५४-६६
(५३) लिश्क, एस० एस० शर्मा एस० डी०, दी एवोलुशन ऑफ मेजर्स इन जैन एस्ट्रानामी, तीर्थकर १७-१२, १६७५, पृ० २८-३५.
1
(६४) तिरक, एस० एस० शर्मा, एस० डी०, टिटयूट ऑफ मून एज [डिटरमिड इन जैन एस्ट्रानामी, श्रम, २७२, १६७५ पृ० २८-३५,
(५) लिक, एस० एस० शर्मा एस० डी० नोशन ऑफ आलिक्विटी ऑफ एक्लिप्टिक इन जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति जैन जर्नल, १९७८, पृ० ७६-६२
,
(०६) लिक, एस० एस० शर्मा एस० डी० रोल ऑफ प्रि-आर्यभट जैन स्कूल ऑफ एस्ट्रानामी इन दी डेवेलपमेंट ऑफ सिद्धान्त एस्ट्रानामी, आई० जे० एच० एस०, १२२, १६७७ पृ० १०६-११३
(८७) शर्मा एस० डी०, लिश्क, एस० एस० लेंग्थ ऑफ डे इन जैन एस्ट्रागामी, सेंटारस, २२३, १९७८, पृ० १६५-१७६
(८८) सिकदार, जे० सी०, एक्लिप्सेज ऑफ दी सन एण्ड बी मून एकाविंग टू जैन एस्ट्रानामां, आई०जे० एच० एस०, १२२, १६७७, पृ० १०६-११३
(८) सिकदार, जे० सी०, जैन एटामिक थ्योरी आई०जे०
1
एच० एस० ५.२, १६७०, पृ० १६६-२१८ (१०) सिकदार, जे० सी० दी जैन कान्सेप्ट ऑफ टाइम, रिसर्च जर्नल ऑफ फिलासफी, रांची, ३१, १६७२, पृ० ७५-८८
( १ ) जवेरी जे० एस० फिलासफी लाडनू १९०५
(१२) शास्त्री, नेमिचन्द्र जैन ज्योतिष साहित्य, आचार्य: भिक्षु स्मृतिग्रन्थ, कलकत्ता, १६६१, पृ० २१०-२२१
(१३) शास्त्री, नेमिचन्द्र, ग्रीक- पूर्व जैन ज्योतिष विचारधारा, ब्र० चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ, आरा, १९५४, ४६२-४६६
थ्योरी ऑफ एटम इन जैन