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पश्यति
KsSAX655
अशुद्ध जैमिधि
जैमिनि समन्बव
समन्वय शनै शनै
शनैः शनैः
मैं सदात्मन
तदात्मान तस्मातत्सर्वमभवत तस्मात्तत्सर्वमभवत् वसं इसलिये काली, नर्तमान कालीन मात्मका
आत्माका
पश्यति हस्ति है इस्ती है प्रकृतम
अकृत्रिम दीपिका
दीपिका मात्मैवान्त्मानं मात्मैवात्मानं स द्वितीयेमिव सद्वितीयमिष जहरू देखता है जड़ रूप देखता है प्रपंञ्चभिर्गतत्वा अपंचान्सर्गतत्वा संभवित
संभावित वेदान्तर्गत
वेदान्तान्तर्गत प्रदार्थन्तर पदार्थान्तर अंधाकार
अंधकार स्वाभावरूप
स्वभावरूप संभिवित
संभावित इत्यद्वेतमत इत्यादैनमत
आविर्भूत अविर्भाव
माविर्भाव
५१६
११६
५२०
अविर्भूत