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________________ ( पहल } छोटी छोटी क्रियाओं का एक समूह है। इच्छा शाहजहां ने की। रुपया देने के लिये आशा शाह से दी। नकराउ क विश्वकर्मा ने बनाया होगा। ईटें या पत्थर अन्य कर्ताओं ने उत्पादन किये होंगे। इस प्रकार यद्यपि शाहजहाँका नाम है तथापि लाखों मनुष्योंने क्रियायें कीं और तब ताजमल बना इन क्रियाओं में से जो क्रिया शाहजहां ने की उस किया के समय और देश में शाहजहाँ उपस्थित था । जो अन्यों ने की उसके साथ वे अन्य उपस्थित थे | यदि उनमें से एक की भी उपस्थिति न होती तो यह क्रिया न होती और ताजमहलके निर्माण में बाधा हो जाती ।" आदि समीक्षा -- यहां प्रश्न यह था कि निमित्त कारण कार्य में व्यापक होता है या नहीं ? इस प्रश्नको वा तक नहीं क्योंकि इस विषय में हमने जो युक्तियां दी थी वे इतनी प्रबलथी कि उनका समाधान असम्भव है । अत: आपने यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया है कि- जो क्रिया करते हैं उनमें वे अवश्य व्यापक होते हैं।" प्रतीत होता है कि थोड़ी देर के पश्चात् ही आपको इस कथन की निस्सारता का बोध हो गया. इसी लिये आपने आगे लिखा है कि "इस लिये यह सिद्ध हैं कि निमित्त कारण क्रिया के साथ रहता हैं । वस्तुतः क्रिया उसी समय तक होती है जब तक कि निमित्त कारण उपस्थित हैं । " ० १६२ उपरोक्त दोनों लेख परस्पर विरुद्ध हैं, क्योंकि साथ रहना और व्यापक होना एक नहीं है। आगे यह लिख कर कि किया उसी समय तक होती हैं, जब की निमित्त कारण उपस्थित होता है।" एक प्रकार की निराशा उत्पन्न की है, क्योंकि हम को आप से ऐसे तर्क हीन लेख की सम्भावना नहीं थी । हम प्रत्यक्ष देखते हैं कि कुम्हार की अनुपस्थिति में भी चाक में क्रिया होती है। जिस घड़ी का आपने दृष्टान्न दिया है उस में भी एक बार चावी देने पर
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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