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________________ न्यूटन ने शोध की है कि सूर्य और पृथिव में पार्षण शक्ति है । सूर्य पृथिवी को अपनी ओर खींचता है और पृथिवी सूर्य को अपनी ओर । किन्तु सूर्य का बजन पृथिवी से तीन लाख तीस हजार गुना अधिक है, उसमें आकर्षण शक्ति है जिससे वह खींची जाती हुई सूर्य में नहीं मिलती किन्तु समान प्रान्तरे पर सूर्य के आस पास घूमती है । पृधित्री को अकर्षण शक्ति की अपेक्षा सूय की आकर्षण शक्ति अट्ठाईस गुनी अधिक है अर्थात्, जिस वस्तु का बजन प्रथिवी पर एक सेर है उसी वस्तु का वजन सूर्य पर कर ने पर अट्ठाईस सेर होगा । जिस मनुष्य का पृथिवी पर डेढ़ या दो मन बजन होगा सूर्य पर उसी का बजन ४२ मन गा ५६ मन होगा। मनुष्य अपने वजन से ही दब कर चूर चूर हो जायगा । वातावरण और शरदी गर्मी सूर्य की गरमी लदा समान रहती है तो मा सीयाले में एड और उन्हाले में गर्मी । किसों देश में शरदो अधिक और किसी में गर्मी अधिम मालूम पड़ता है। इसका कारण घायु मण्डल. है। पृथिवी के चारों शोर २८ माल तक वायु मण्डल-वातावरण है। इसमें किसी समय पानी वाष्प भाप अधिक होती है तो सूर्य की गरमी पृथिवी पर कम आती है और किसो वक्त वाष्प वर्षाके रूप में नीचे गिर जाती है तब शुष्क कतवरण से गर्मी अधिक बढ़ती है। किसी वक्त वातावरण से बर्फ गिरता है तब शरदी अधिक हो जाती है। ___षण काल में किसी देशमें तापमान ११० से ११५ या १२० तक पहुंच जाता है तब बहुत से पशु पक्षों मर जाते हैं। यदि तापमान इससे भी अधिक बढ़ जाय तो मनुष्य भी मर जाते हैं शरदी में शिमला जैसे प्रदेशों में तापमान घटता ४५-५० मिग्री तक रह . जाता है तब बहुत शरदी बढ़ जाता है। यदि ताप मान इससे भी
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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