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________________ ( ७०३ } पृथ्वी की आय यूरेनियन युक्त पत्थरों की आयु लगभग १३० करोड़ वर्ष निकलती है। पृथ्वी अवश्य इन पत्थरोंसे अधिक पुरानी होगी। सौर परिवार २५० हैकल का द्रव्यवाद कल ने अपने बाद के प्रकाश में कुछेक सिद्धान्त स्थिर किये हैं। वे ये हैं :-- L ( १ ) यह जगत नित्य और असीम है ( २ ) जगत का द्र ( बड़ी हेकल का एक द्रव्य) अपने क्षे गुणों - प्रकृति और गति शक्ति के साथ नित्य है और अनादि काल से गति में है । ( ३ ) यह गतिं श्रखण्डशः क्रम के साथ असीम काल से काम कर रही है । सामयिक परिवर्तन ( जीवन, कण विकास हास ) उनके द्वारा हुआ करते हैं । ( ४ ) समस्त प्राणी- प्राणी जो विश्व में फैले हुए हैं सभा एक द्रव्यवाद से शासित और उसीके अधीन है (५) हमारा सूर्य असंख्य नष्ट होने वाले पिण्डोमेंसे एक हैं और हमारी पृथ्वी भी ऐसे ही छोटे-छोटे पिएड़ों ( न होने वालों ) में से हैं, जो सूर्यके चारों ओर भ्रमण करते हैं। (६) हमारी पृथ्वी चिरकाल तक ठंडो होती रही थी तब उस पर जलका प्रादुर्भाव हुआ। (७) एक प्रकार के मूल जीवसे क्रमश: असंख्य योनियों में उत्पन्न होने में करोड़ों वर्ष लगे हैं । ( ८ ) इस जीवोत्पास परम्परा के पिछले खेत्रे में जितने जीव उत्पन्न हुए रीढ़ वाले आणी गुलोक द्वारा सबसे बढ़ गए। (E) इन गढ़वाले प्राणियोंकीसच से प्रधान शाखा दूध पिलाने वाले जीव थलचरों और सरीसृपोंसे पैदा हुए। (१०) इन दूध पिलाने वाले जीवों में सबसे उन्नत चौर पूर्णता प्राप्त पुरुष ( Order of Primates ) जो लगभग
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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