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________________ + ( X ) कर्मदेव और जान देष dear के sura Deार से भी दो भेद किये गये हैं। यथा(१) कर्मदेवा. - कर्मणोत्कृष्टेन देवस्वं प्राः कर्म देवाः । अर्थात मे आदि शुभ कर्मों से जिन्होंने tava (देवयोनि) को प्राप्त किया है वे कर्म देव हैं। (२) आजानदेवाः सूर्यादय आजावदेवाः | - ( आचार्य महीधर ) यजुर्वेद ३१ मन्त्र १७ के भाग्य में महांघर ने सूर्य आदि को व्याजानदेव माना है। इसमें कम देवों से जान देव श्रेष्ठ माने गये हैं । तै ३०२ । ८ 1 ये शर्त देवानामानन्दाः स एको देवाना मानन्दाः । नया यहां 'आजानजः' देव भी माने गये हैं, जिसका अर्थ श्री शंकराचार्यजी ने ( " आजान इति देव लोकस्तस्मिन् जाजाने जाता थाजाना देवा: स्मार्तकर्मविशेषतो देवस्थानेषु जाताः । कर्म देवा, में वैदिकेन कर्मणाम होवादिना केवलेन देवानपि यन्ति । देवा इति त्रयस्त्रिंशद् इविर्भुजा इन्द्रस्तेषां स्वामी तस्यस्वार्थी वृहस्पतिः (" ) जान नाम के देवलोक में उत्पन्न होने वाले किया है। येस्मा कर्म से देव हैं तथा वैट दि के द्वारा
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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