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________________ ( ४०० ) , "नच सांदीनां, कश्चित् कालोऽस्ति सर्वदा ईदृशमेवजगदिति दृष्टानुसारादेवगन्तुमुचितम् । न तु सकालोऽभूत यदा सर्वमिदनासादिति, प्रमाणाभावत् ।" . . अर्थः इस विश्व उत्पत्तिका कोई, एक समय नहीं है. कोई ऐसा समय था कि जब यह सथं कुछ नहीं था। क्योंकि इसमें कोई प्रमाण नहीं है । श्रागे इस विज्ञान में जगत का खंडनमें अनेक प्रमाण दिये हैं। . . ईश्वर उत्पन्न हुआ. : अथर्व वेद में लिखा है कि मालोजार तमाचा (१ ) अर्थ-वह परमात्मा दिनसे उत्पन्न हुआ और दिन परमात्मा से उत्पन्न हुआ। सवै राज्या अजायत, तस्माद्ः रात्रिरजायत ॥ २ ॥ अर्थ--परमात्मा रात्रि से उत्पन्न हुया और रात्रि परमात्मा . से उत्पन्न हुई। . . . .. सबा अन्तरिक्षादजायत, तस्मादन्तरिक्षमजायत । ३॥.. अर्थ-वह परमात्मा अन्तरिक्ष से उत्पन्न हुआ और अन्तरिक्ष परमात्मा में उत्पन्न हुआ। .. ... , म वायोरजायत तस्माद् वायुर जायत ॥४॥ . अर्थ-वह ईश्वर वायु में उत्पन्न हुश्रा और वायु उसमे उत्पन्न हुश्रा ।
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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