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________________ ( ६३० ) सुप्रसिद्ध हैं। "भूत नामक जातिका एक राजा" इतना ही भाव .. ये शब्द असा रहे हैं। भूतनामक्र. जातिका राष्ट्र भूतान किंवा भूतस्थान है। यह जाति इस समय में भी अपने भूतानमें विद्यमान है.. इसलिये इसके विषयमें अधिक लिखनेकी आवश्यकता नहीं। इस भूतजातिके राजा महादेव नामसे प्रसिद्ध थे। यधपि आज- . कलका भूतान छोटा सा प्रदेश है तथापि प्राचीन काल में और इस समयमें भी ये भूतिया लोग तिब्बतके दक्षिण भागमें रहते थे । और रहते हैं । इसी कारण उनके राजा महादेवने अपनी राजगही मानस तालके समीप वाले फैलास पर्वत पर अथवा कैलास के पास बनाई थी। यहाँ रहते हुए भूतनाथ महादेव सम्राट अपना शासन पूर्व दिशामें भूतनाथ पर तथा पश्चिम दिशामें पिशाच जाति पर करते थे। "गिरीश" इसका नाम स्पष्टतासे बता रहा है कि यह पहाड़ी पर रहने वाला राजा था। गिरी अर्थात पहाड़ीका राजा गिरीश कहलाता है। इसकी धर्मपत्नी भी पार्वती नामसे प्रसिद्ध है। "पार्वती" शब्द यही भाव बताता है कि यह पहाड़ी खी थी। पहाड़ी राजाका विवाह पहाड़ी स्त्रीसे होना ही स्वाभाविक है। इस महादेवका काल. निश्चित करना चाहिये। इसका काल निर्णय हम इनके नामोंसे और इनके व्यवहारसे कर सकते हैं कृत्तिवासाः . यह शब्द इस कार्यके लिये बड़ा उपयोगी है। इसका अर्थ यह है-"कृतिः चर्म बासः यस्य ।" जिसका कपड़ा चर्म ही है. अर्थात् कपड़ेका कार्य चमडेसे करने वाला, अथका चमडेको कपड़ेके समान पहनने वाला यह महादेव था । यह कृत्ति शब्ध यद्यपि सामान्यता चमड़ेका वाचक है तथापि हाथीके या हिरनके
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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