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________________ श्रानन्द देने वाला ( शास्ता) उत्तम राजशासन करने वाला, ये नाम भी पूर्व नामांक साथ ही पढ़ने योग्य है। १५--(वीरहा ) शत्रुके बड़े वीरोंका नाश करने वाला, (नैकमाय: ) अनेक कार्य कुशलताके साथ करने वाला ये शब्द उसका कार्य कौशल बता रहे है। इस प्रकार उपेन्द्र के नाम जो महाभारत के अनुशासनपर्व में प्रसिद्ध है, देखनेसे उसके कार्यका पता लगता है। इससे भी अधिक इनके बहुनसे नाम हैं जो इनके अन्यान्य गुणोंका वर्णन कर रहे हैं उन सबको यहाँ उद्धृत करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उपेन्द्रके कार्य उपेन्द्र विष्णु के नाममि "इत्यारि, म रिपु बलध्वनी, कंगाराति. कैटभजिन ” इत्यादि नाम उसके कायके दशक है । दल्यों का पराभव इन्होंने किया था; मधु. चलि क्रम. केंदभ आदि दुष्टों का इन्होंने नाश किया था। इन नामाके अतिरिक्त इनके बहुनसे. नाम प्रसिद्ध है कि जो इनके . कायोंके घातक हैं। उन सबका यहाँ विचार करनेकी आवश्यकता नहीं। यदि पाठक उन नामोका विचार करेंगे तो उनको उत्तः बातका पता लग सकता है। इन्द्र के नामोंका विचार करनेसे इसी प्रकार उनके कार्याका पता लग सकता है । वृत्रादि राक्षमोका वध करना तथा देवों और आर्योकी रक्षा करना इनका प्रधान कार्य था और यही इतिहास और पुराणों में विविध कथा प्रसंगांसे व्यक्त क्रिया है इसलिये इस विषय में अधिक लिम्सनेकी अावश्यकता नहीं है।
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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