________________
धारा में बहने लगता है, एकाग्र होता है तब ही समाधि की सिद्धि होती है।
जिसने इस प्रकार अपने मन को वश में किया, उन्होंने अपनी आत्मा को साक्षात् किया अर्थात् आत्मा के दर्शन किए हैं । द्यानतराय कहते हैं कि इस प्रकार मौन लेकर जिसने साधना की उन्हें अपने में ही सुख की प्राप्ति हुई है।
धानत भजन सौरभ