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________________ सूत्रांक विषय पृष्ठांक ४५. अजीव द्रव्य अध्ययन १. दो प्रकार के अजीव द्रव्य, २. दस प्रकार की अरूपी अजीव प्रज्ञापना, चार प्रकार की रूपी अजीव प्रज्ञापना, रूपी अजीव के भेद-प्रभेद, वर्ण परिणतादि के सौ भेद, __ गंध परिणतादि के छियालीस भेद, रस परिणतादि के सौ भेद, ८. स्पर्श परिणतादि के एक सौ चौरासी भेद, संस्थान परिणतादि के सौ भेद, १०. रूपी अजीव द्रव्यों के अनंतत्व का प्ररूपण, १७२९ १७२९ १७२९-१७३० १७३०-१७३१ १७३२-१७३४ १७३४-१७३५ १७३५-१७३८ १७३८-१७४३ १७४३-१७४६ १७४६ १. सम्यान १०. ११. १३. ४६. पुद्गल अध्ययन १. पुद्गलों की विविध प्रकार से द्विविधता, पुद्गलों की वर्गणाओं के भेदों का प्ररूपण, पुद्गल करण के भेद-प्रभेदों का प्ररूपण, पुद्गलों के परिणाम का चतुर्विधत्व, पुद्गल परिणाम के पाँच भेद-प्रभेद, द्रव्यादि की अपेक्षा रूपी अजीव (पुद्गल) द्रव्य का प्ररूपण, पुद्गल परिणामों के वावीस भेद, ८. त्रिकालवर्ती परमाणु पुद्गलों और स्कन्धों के वर्णादि परिणाम का प्ररूपण, परमाणु पुद्गल और स्कन्धों के वर्णादि का प्ररूपण, परमाणु पुद्गल और स्कन्धों में विस्तार से वर्णादि के भंगों का प्ररूपण, प्राणातिपातादि अठारह पापस्थानों में वर्णादि का प्ररूपण, प्राणतिपातादि अठारह पापस्थान विरमणों में वर्णादि के अभाव का प्ररूपण, औत्पातिकी आदि चार बुद्धियों अवग्रहादि और उत्थानादि में वर्णादि के अभाव का प्ररूपण, ___ अवकाशांतरों तनुवातादि और पृथ्वियों में वर्णादि का प्ररूपण, १५. रत्नप्रभा आदि पृथ्वियों में पुद्गल द्रव्यों के वर्णादि का प्ररूपण, १६. जम्बूद्वीपादि सौधर्मकल्पादि और नैरयिकावास आदि में वर्णादि का प्ररूपण, १७. गर्भ में उत्पन्न होते हुए जीव के वर्णादि का प्ररूपण, १८. चौवीसदंडकों में वर्णादि का प्ररूपण, १९. धर्मास्तिकायादि पड़द्रव्यों में वर्णादि का प्ररूपण, २). कर्म और लेश्याओं में वर्णादि का प्ररूपण, २१. दृष्टि-दर्शन-ज्ञान-अज्ञान और संज्ञाओं में वर्णादि के अभाव का प्ररूपण, २२. पाँच शरीर और तीन योगों में वर्णादि का प्ररूपण, २३. उपयोगों में वर्णादि के अभाव का प्ररूपण, मर्वद्रव्यों. प्रदेशों और पर्यायों में वर्णादि के भावाभाव का प्ररूपण, अतीत अनागत और सर्वकाल में वर्णादि के अभाव का प्ररूपण, जम्बूद्वीप आदि द्वीप समुद्रों में सवर्ण-अवर्ण द्रव्यों का अन्योन्य बद्धत्वादि का प्ररूपण, पुद्गलों के संस्थान भेदों का विस्तृत प्ररूपण, २८. छह संस्थानों का द्रव्यादि की अपेक्षा अनन्तत्व का प्ररूपण, २९. छह संस्थानों का द्रव्यादि की अपेक्षा अल्पबहुत्व, 30. परिमण्डलादि पाँच संस्थान भेदों के संख्यातादि का प्ररूपण, १७५१ १७५१-१७५२ १७५२ १७५२ १७५२-१७५३ १७५३ १७५३ १७५३-१७५४ १७५४-१७५५ १७५५-१७७४ १७७४ १७७४-१७७५ १७७५ १७७५ १७७५-१७७६ १७७६ १७७६ १७७६-१७७७ १७७७ १७७७ १७७७ १७७७ १७७७ १७७८ १७७८ १७७८ १७७८-१७७९ १७७९ १७७९-१७८० १७८०-१७८१ २५.
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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