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________________ सूत्रांक ३१. ३२. ३३. ३४. ३५. ३६. पाँच संस्थानों का एकत्व - बहुत्व से द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा कृतयुग्मादि का प्ररूपण, एकत्व बहुत्व से पाँच संस्थानों में यथायोग्य कृतयुग्मादि प्रदेशावगाढत्व का प्ररूपण, एकत्व बहुत्व की अपेक्षा पाँच संस्थानों की कृतयुग्मादि समयस्थिति का प्ररूपण, पाँच संस्थानों का वर्ण - गन्ध-रस और स्पर्श पर्यायों के कृतयुग्मादि का प्ररूपण, ३९. पुद्गलों के संघात आदि के कारणों का प्ररूपण, ३७. ३८. ४०). ४१. ४२. ४३. विषय सात नरक पृथ्वियों, सौधर्मादि कल्पों और ईषत् प्राग्भारा पृथ्वी में परिमण्डलादि संस्थानों का अनन्तत्व, यवाकारं परिमण्डलादि पाँच संस्थानों का परस्पर अनन्तत्व, सात नरकपृथ्वियों, सौधर्मादि कल्पों और ईषत् प्राग्भारा पृथ्वी में पाँच यवमध्य संस्थानों का अनन्तत्व, पाँच संस्थानों के प्रदेशों का और प्रदेशावगाढत्व का प्ररूपण, ४४. ४५. ४६. ४७. ४८. परमाणु पुद्गलों के संघात और भेदों के कार्यों का प्ररूपण, पुद्गलों का प्रतिघात, पुद्गलों के प्रयोग परिणतादि भेदत्रिक, नव दंडकों द्वारा प्रयोग परिणत पुद्गल का प्ररूपण, (१) प्रथम दंडक, (२) द्वितीय दंडक, (३) तृतीय दंडक, (४) चतुर्थ दंडक, (५) पाँचवाँ दंडक, (६) छा दंडक, (७) सातवाँ दंडक, (८) आठवाँ दंडक, (९) नवमा दंडक, नव दंडकों द्वारा मिश्र परिणत पुद्गलों का प्ररूपण, विश्वसा परिणत पुद्गलों के भेद-प्रभेद, एक द्रव्य के प्रयोग परिणतादि का प्ररूपण, दो द्रव्यों के प्रयोग परिणतादि का प्ररूपण, तीन द्रव्यों के प्रयोग परिणतादि का प्ररूपण, चार आदि अनन्त द्रव्यों के प्रयोग परिणतादि का प्ररूपण, प्रयोग परिणतादि पुद्गलों का अल्पबहुत्व, ४९. ५०. ५१. ५२. ५३. ५४. ५५. ५६. ५७. ५८. ५९. ६०. ६१. ६२. ६३. परमाणुओं के भेद-प्रभेद, ६४. अच्छिन्न पुद्गलों के चलन का प्ररूपण, विविध प्रकार के पुद्गलों और स्कन्धों के अनंतत्व का प्ररूपण, एक आकाशप्रदेश में स्थित पुद्गलों के चयादि का प्ररूपण, द्रव्यादि आदेशों द्वारा सर्वपुद्गलों के सार्द्ध सप्रदेशादि का प्ररूपण, चौवीसदंडकों में आत्त - अनात्त आदि पुद्गलों का प्ररूपण, इन्द्रिय विषय रूप पुद्गलों का परस्पर परिणमन का प्ररूपण, फाणित गुड़ आदि दृष्टांतों द्वारा रूपी द्रव्यों में व्यवहारनय और निश्चयनय से वर्णादि का प्ररूपण, वर्ण-गंध-रस और स्पर्श निर्वृत्ति के भेद तथा चौबीसदंडकों में प्ररूपण, क्षेत्र दिशानुसार पुद्गलों का अल्पबहुत्व, एक समयादि की स्थिति वाले पुद्गलों का द्रव्यादि की अपेक्षा अल्पबहुत्व, पुद्गल के द्रव्य स्थान आदि आयुष्यों का अल्पबहुत्व , वर्णादि की अपेक्षा पुद्गलों का द्रव्यादि की विवक्षा से अल्पबहुत्व, एक समय में परमाणु पुद्गल की गति सामर्थ्य का प्ररूपण, ( ६० ) पृष्ठांक १७८१ १७८१-१७८२ १७८२ १७८३-१७८५ १७८५-१७८६ १७८६-१७८७ १७८७ १७८८ १७८८ १७८८-१८०१ १८०१ १८०१ १८०१ १८०१-१८०५ १८०५-१८०७ १८०७-१८०८ १८०८ १८०९ १८०९-१८१० १८१० १८१० १८१० १८११ १८११ १८१२-१८१७ १८१७-१८१९ १८१९-१९२० १८२०-१८२१ १८२१ १८२१ १८२१-१८२३ १८२३ १८२३-१८२५ १८२५-१८२६ १८२६-१८२७ १८२७-१८२८ १८२८ १८२८-१८२९ १८२९ १८२९ १८३० १८३० १८३०-१८३१
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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