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________________ विषय ४५. ५३. ५४. सूत्रांक पृष्ठांक ४०. पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले वाणव्यन्तर देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४२-१६४३ ४१. पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले ज्योतिष्क देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४३ ४२. पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले वैमानिक देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४३-१६४४ ४३. अप्कायिकों में उत्पन्न होने वाले तेवीस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४४ ४४. तेजस्कायिकों में उत्पन्न होने वाले दस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४५ वायुकायिकों में उत्पन्न होने वाले दस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४५ ४६. वनस्पतिकायिकों में उत्पन्न होने वाले तेवीस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४५ ४७. द्वीन्द्रियों में उत्पन्न होने वाले दस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४५-१६४६ ४८. त्रीन्द्रियों में उत्पन्न होने वाले दस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४६ ४९. चतुरिन्द्रियों में उत्पन्न होने वाले दस दंडकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४६ गति की अपेक्षा पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उपपात का प्ररूपण, १६४६ ५१. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले नैरयिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४६-१६४९ ५२. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले एकेन्द्रिय-विकलेन्द्रियों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६४९-१६५० पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५०-१६५१ पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५२-१६५३ ५५. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले असंज्ञी मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५३-१६५४ ५६. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले संज्ञी मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५४-१६५६ ५७. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले भवनवासी देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५६ ५८. पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उत्पन्न होने वाले वाणव्यन्तर देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५६-१६५७ ५९. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले ज्योतिष्क देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५७ ६०. वैमानिक देवों की अपेक्षा पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उपपात का प्ररूपण, १६५७ ६१. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होने वाले सहस्रार पर्यन्त कल्पोपपन्न वैमानिक देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५८ ६२. नैरयिकों की अपेक्षा मनुष्यों में उपपात का प्ररूपण, १६५८ ६३. मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले रत्नप्रभा से तमःप्रभा पृथ्वी पर्यन्त नैरयिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५८-१६५९ ६४. मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले तिर्यंचयोनिकों और मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६५९-१६६० मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले कल्पोपपन्नक वैमानिक पर्यन्त देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६०-१६६१ मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले कल्पातीत वैमानिक देवों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६१-१६६३ वाणव्यंतरों में उत्पन्न होने वाले असंज्ञी-संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६४-१६६५ वाणव्यंतरों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६५ ज्योतिष्कों में उत्पन्न होने वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६५-१६६७ ज्योतिष्कों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६७-१६६८ ७१. सौधर्म देवों में उत्पन्न होने वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६८-१६६९ सौधर्म देव में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६६९-१६७० ७३. ईशानादि सहस्रार पर्यन्त देवों में उत्पन्न होने वाले तिर्यंचयोनिक और मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६७०-१६७१ ७४. आनत आदि अच्युत पर्यन्त देवों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६७१-१६७२ ७५. कल्पातीत वैमानिक देवों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पातादि बीस द्वारों का प्ररूपण, १६७२-१६७३ ६८. ७०. ७२. ४२. आत्मा अध्ययन १. द्रव्य की अपेक्षा आत्मा, २. जीव-चौबीसदंडकों में ज्ञान दर्शन की अपेक्षा आत्म-स्वरूप का प्ररूपण, ३. आत्मा के आठ प्रकारों का प्ररूपण, १६७५ १६७५ १६७५
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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