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________________ १८५२ उ. गोयमा ! नत्यि अंतरं। पं. परमाणु पोग्गला णं भंते ! निरेयाणं केवइयं कालं अंतरं ( द्रव्यानुयोग-(३)) उ. गौतम ! उनका अन्तर काल नहीं है। प्र. भंते ! निष्कम्पक परमाणु-पुद्गलों का अन्तर काल कितना है ? होइ? उ. गौतम ! उनका भी अन्तर काल नहीं है। प्र. भंते ! देशकम्पक द्विप्रदेशी स्कन्धों का अन्तर काल कितना है? उ. गौतम ! उनका भी अन्तर काल नहीं है। प्र. भंते ! सर्वकम्पक द्विप्रदेशी स्कन्धों का अन्तर काल कितना है? उ. गोयमा ! नत्थि अंतरं। प. दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं देसेयाणं केवइयं कालं अंतरं ____होइ? उ. गोयमा ! नत्थि अंतरं। प. दुपएसियाणं भंते ! खंधाणं सव्वेयाणं केवइयं कालं अंतरं होइ? उ. गोयमा ! नत्थि अंतरं। प. दुपएसिया णं भंते ! खंधाणं निरेयाणं केवइयं कालं अंतरं होइ? उ. गोयमा! नत्थि अंतरं। एवंजाव अणंतपएसियाणं। -विया. स.२५, उ.४, सु.२२९-२४० ८८. सव्वेय-देसेय-निरेय-परमाणुपोग्गलखंधाणं अप्पाबहुयं उ. गौतम ! उनका भी अन्तर काल नहीं है। प्र. भंते ! निष्कम्पक द्विप्रदेशी स्कन्धों का अन्तर काल कितना है? उ. गौतम ! उनका भी अन्तर काल नहीं है। इसी प्रकार अनन्तप्रदेशी स्कन्धों पर्यन्त के अन्तर काल जानना चाहिए। ८८. सर्वकम्पक-देशकम्पक-निष्कम्पक परमाणु पुद्गल स्कन्धों का अल्प-बहुत्वप्र. भंते ! एक सर्वकम्पक और निष्कम्पक परमाणु-पुद्गलों में कौन-किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? प. एएसि णं भंते ! परमाण पोग्गलाणं सब्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सव्वेया, २. निरेया असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं - सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा दुपएसिया खंधा सव्वेया, २. देसेया असंखेज्जगुणा, ३. निरेया असंखेज्जगुणा। एवं जाव असंखेज्जपएसियाणं खंधाणं। उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सर्वकम्पक परमाणु-पुद्गल हैं, २. (उनसे) निष्कम्पक परमाणु-पुद्गल असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते ! देशकम्पक, सर्वकम्पक और निष्कम्पक द्विप्रदेशी स्कन्धों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सर्वकम्पक द्विप्रदेशी स्कन्ध हैं, २. (उनसे) देशकम्पक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) निष्कम्पक असंख्यातगुणे हैं। इसी प्रकार असंख्यात-प्रदेशी स्कन्धों पर्यन्त का अल्पबहुत्व जानना चाहिए। प्र. भंते ! देशकम्पक, सर्वकम्पक और निष्कम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्धों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सर्वकम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध हैं, २. (उनसे) निष्कम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुणे हैं, ३. (उनसे) देशकम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुणे हैं। प. एएसि णं भंते ! अणंतपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहियावा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सव्वेया, २. निरेया अणंतगुणा, ३. देसेया अणंतगुणा। -विया.स.२५, उ.४, सु. २४१-२४४ ८९. सव्वेय - देसेय - निरेय - परमाणुपोग्गलखंधाणं दव्वट्ठयाइ अप्पाबहुयंप. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं संखेज्जपएसियाणं, असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं देसेयाणं, सव्वेयाणं निरेयाणं दव्वट्ठयाए, पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? ८९. सर्वकम्पक - देशकम्पक - निष्कम्पक परमाणु पुद्गल स्कन्धों का द्रव्यार्थादि की अपेक्षा अल्पबहुत्वप्र. भंते ! इन देशकम्पक, सर्वकम्पक और निष्कम्पक परमाणु पुद्गलों, संख्यातप्रदेशी, असंख्यात-प्रदेशी और अनन्त-प्रदेशी स्कन्धों में, द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा तथा द्रव्य प्रदेश की अपेक्षा कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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