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________________ ( पुद्गल अध्ययन - १८२९ ) ७. दाहिणेणं विसेसाहिया, ७. (उससे) दक्षिण दिशा में विशेषाधिक है, ८. उत्तरेणं विसेसाहिया। -पण्ण. प. ३, सु. ३२६-३२७ ।। ८. (उससे) उत्तर दिशा में विशेषाधिक हैं। ५९. एगसमयाइठिईयाणं पोग्गलाणं दव्वट्ठयाइ अप्पाबहुयं- ५९. एक समयादि की स्थिति वाले पुद्गलों का द्रव्यादि की अपेक्षा अल्पबहुत्वप. एएसिणं भंते ! १. एगसमयठिईयाणं, प्र. भंते ! इन १. एक समय की स्थिति वाले, २.संखेज्जसमयठिईयाणं, २. संख्यात समय की स्थिति वाले और ३. असंखेज्जसमयठिईयाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए ३. असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गलों में द्रष्य की पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए य कयरे कयरेहितो अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा एवं द्रव्य प्रदेश की अपेक्षा कौन अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा एगसमयठिईया पोग्गला उ. गौतम ! १. द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प एक समय की स्थिति दव्वट्ठयाए, वाले पुद्गल हैं, २. संखेज्जसमयठिईया पोग्गला दव्वट्ठयाए २. (उनसे) संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल द्रव्य की संखेज्जगुणा, ___अपेक्षा संख्यातगुणे हैं, ३. असंखेज्जसमयठिईया पोग्गला दव्वट्ठयाए ३. (उनसे) असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल द्रव्य को ___ असंखेज्जगुणा, ___ अपेक्षा असंख्यातगुणे हैं। पदेसट्ठयाए प्रदेशों की अपेक्षा१. सव्वत्थोवा एगसमयठिईया पोग्गला पएसट्ठयाए, १. एक समय की स्थिति वाले पुद्गल प्रदेशों की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, २. संखेज्जसमयठिईया पोग्गला पएसट्ठयाए २. (उनसे) संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल प्रदेशों की संखेज्जगुणा, ___ अपेक्षा संख्यातगुणे हैं, ३. असंखेज्जसमयठिईया पोग्गला पएसट्ठयाए ३. (उनसे) असंख्यात समय की स्थिति बाले पुद्गल प्रदेशों असंखेज्जगुणा, की अपेक्षा असंख्यातगुणे हैं। दव्वट्ठपएसट्ठयाए द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा१. सव्वत्थोवा एगसमयठिईया पोग्गला १. द्रव्य एवं प्रदेश की अपेक्षा सबसे कम पुद्गल एक समय दव्वट्ठपएसट्ठयाए, की स्थिति वाले हैं, २. संखेज्जसमयठिईया पोग्गला दबट्ट्याए २. (उनसे) संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल द्रव्य की संखेज्जगुणा, ते चेव पएसट्ठयाए संखेज्जगुणा, अपेक्षा संख्यातगुणे हैं और वे ही प्रदेशों की अपेक्षा संख्यातगुणे हैं, ३. असंखेज्जसमयठिईया पोग्गला दव्वट्ठयाए ३. (उनसे) असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल द्रव्य की असंखेज्जगुणा ते चेव पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा। अपेक्षा असंख्यातगुणे हैं और वे ही प्रदेशों की अपेक्षा -पण्ण. प.३, सु.३३२ असंख्यातगुणे हैं। ६०. पोग्गलस्स दव्वट्ठाणाइ आउणं अप्पाबहुयं ६०. पुद्गल के द्रव्यस्थान आदि आयुष्यों का अल्पबहुत्वप. एयस्स (पोग्गलस्स) णं भंते ! दव्वट्ठाणाउयस्स प्र. भंते ! इस (पुद्गल) के द्रव्यस्थानायु, क्षेत्रस्थानायु, खेत्तट्ठाणाउयस्स ओगाहणट्ठाणाउयस्स भावट्ठाणा अवगाहनास्थानायु और भावस्थानायु, इन सबमें कौन किससे उयस्स कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवे खेत्तट्ठाणाउए, उ. गौतम ! १. सबसे कम क्षेत्रस्थानायु है, २. ओगाहणट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे, २. (उससे) अवगाहनास्थानायु असंख्यातगुणा है, ३. दव्वट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे, ३. (उससे) द्रव्यस्थानायु असंख्यातगुणा है, ४. भावट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे। ४. (उससे) भावस्थानायु असंख्यातगुणा है। गाहा खेत्तोगाहण-दव्वे भाघट्ठाणाउयं च अप्पबहुँ। गाथार्थ-क्षेत्रस्थानायु, अवगाहना स्थानायु, द्रव्यस्थानायु और खेत्ते सव्वत्थोवे सेसा ठाणाउए असंखेज्जगुणा ॥ भावस्थानायु इनका अल्पबहुत्व क्रमशः इस प्रकार है कि -विया. स. ५, उ.७, सु.२९ क्षेत्रस्थानायु सबसे अल्प है, शेष तीन स्थानायु उत्तरोत्तर असंख्यातगुणा है।
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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