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दो
अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए, मोसमणप्पओगपरिणया। एवं दुयासंजोगो तियासंजोगो भाणियव्यो,
एत्थ वि तहेव जाव अहवा एगे तंससंठाणपरिणए वा, एगे चउरंससंठाणपरिणए वा, एगे आययसंठाणपरिणए वा।
-विया. स. ८, उ.१, सु. ८६-८८ ४८. चउप्पभिइ अणंतदव्याणं पयोगपरिणयाइ परूवणंप. चत्तारि भंते ! दव्या किं पओगपरिणया, मीसापरिणया,
वीससापरिणया? उ. गोयमा ! पओगपरिणया वा, मीसापरिणया वा,
वीससापरिणया वा, १. अहवा एगे पओगपरिणए तिन्नि मीसापरिणया,
२. अहवा एगे पओगपरिणए तिन्नि वीससापरिणया,
३. अहवा दो पओगपरिणया दो मीसापरिणया,
४. अहवा दो पओगपरिणया दो वीससापरिणया,
। द्रव्यानुयोग-(३)) अथवा एक द्रव्य सत्य मनःप्रयोग परिणत होता है और दो द्रव्य मृषामनःप्रयोग परिणत होते हैं। इस प्रकार यहाँ पर भी द्विक संयोगी और त्रिक संयोगी भंग कहने चाहिए। यहाँ भी पूर्व की तरह (संस्थान के लिए) अथवा एक द्रव्य त्र्यम्न (त्रिकोण) संस्थान परिणत होता है, एक द्रव्य समचतुरम्न संस्थान परिणत होता है, एक आयत
संस्थान परिणत होता है पर्यन्त कहना चाहिए। ४८. चार आदि अनन्त द्रव्यों के प्रयोग परिणतादि का प्ररूपणप्र. भंते ! चार द्रव्य क्या प्रयोग परिणत होते हैं, मिश्रपरिणत होते
हैं या विश्रसा परिणत होते हैं? उ. गौतम ! वे चार द्रव्य प्रयोग परिणत भी होते हैं, मिश्रपरिणत
भी होते हैं और विश्रसा परिणत भी होते हैं। १. अथवा एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है और तीन द्रव्य
मिश्र परिणत होते हैं। २. अथवा एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है और तीन द्रव्य
विश्रसा परिणत होते हैं। ३. अथवा दो द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं और दो द्रव्य
मिश्रपरिणत होते हैं। ४. अथवा दो द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं और दो द्रव्य
विश्रसा परिणत होते हैं। ५. अथवा तीन द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं और एक द्रव्य
मिश्र परिणत होता है। ६. अथवा तीन द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं और एक द्रव्य
विश्रसा परिणत होता है। ७. अथवा एक द्रव्य मिश्र परिणत होता है और तीन द्रव्य
विश्रसा परिणत होते हैं। ८. अथवा दो द्रव्य मिश्र परिणत होते हैं और दो द्रव्य विश्रसा
परिणत होते हैं। ९. अथवा तीन द्रव्य मिश्र परिणत होते हैं और एक द्रव्य
विश्रसा परिणत होता है। १. अथवा एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है, एक द्रव्य मिश्र परिणत होता है और दो द्रव्य विश्रसा परिणत होते हैं। २. अथवा एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है, दो द्रव्य मिश्र परिणत होते हैं और एक द्रव्य विश्रसा परिणत होता है। ३. अथवा दो द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं, एक द्रव्य मिश्र
परिणत होता है और एक द्रव्य विश्रसा परिणत होता है। प्र. भंते ! यदि वे चार द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं तो
क्या वे मनःप्रयोग परिणत होते हैं, वचन प्रयोग परिणत होते हैं या काय प्रयोग परिणत होते हैं ? उ. गौतम ! पूर्ववत् इसी क्रम से पाँच, छह, सात यावत् दस,
संख्यात, असंख्यात और अनन्त द्रव्यों के लिए भी कहना चाहिए।
५. अहवा तिन्नि पओगपरिणया एगे मीससापरिणए,
६. अहवा तिन्नि पओगपरिणया एगे वीससापरिणए,
७. अहवा एगे मीसापरिणए तिन्नि वीससापरिणया,
८. अहवा दो मीसापरिणया दो वीससापरिणया,
९. अहवा तिन्नि मीसापरिणया एगे वीससापरिणए,
१. अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसापरिणए, दो वीससापरिणया, २. अहवा एगे पओगपरिणए दो मीसापरिणया एगे वीससापरिणए, ३. अहवा दो पओगपरिणया एगे मीसापरिणए एगे
वीससापरिणए। प. भंते !जइ पओगपरिणया
किं मणप्पओगपरिणया वइप्पओगपरिणया,
कायप्पओगपरिणया? उ. गोयमा ! एवं चेव एएणं कमेणं पंच छ सत्त जाव दस
संखेज्जा असंखेज्जा अणंता यदव्या भाणियव्या।