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________________ १८१८ २. मीसापरिणया वा, ३. वीससापरिणया वा, ४. अहवा एगे पओगपरिणए, एगे मीसापरिणए, ५. अहवा एगे पओगपरिणए, एगे वीससापरिणए, ६. अहवा एगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए। प. भंते ! जइ पओगपरिणया किं मणप्पओगपरिणया, वइप्पओगपरिणया, कायप्पओगपरिणया? उ. गोयमा !१.मणप्पओगपरिणया, २. वइप्पओगपरिणया, ३. कायप्पओगपरिणया, ४. अहवेगे मणप्पओगपरिणए, एगे वइप्पओगपरिणए, ५. अहवेगे मणप्पओगपरिणए, एगे कायप्प ओगपरिणए, ६. अहवेगे वइप्पओगपरिणए, एगे कायप्प___ओगपरिणए। प. भंते ! जइ मणप्पओगपरिणया किं १. सच्चमणप्पओगपरिणया, २. असच्चमणप्पओगपरिणया, ३. सच्चामोसमणप्पओगपरिणया, ४. असच्चामोसमणप्पओगपरिणया? उ. गोयमा ! १. सच्चमणप्पओगपरिणया वा जाव असच्चामोसमणप्पओगपरिणया वा, १. अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए एगे मोसमणप्पओगपरिणए, २. अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणए, ३. अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए एगे ___असच्चमोसमणप्पओगपरिणए, ४. अहवा एगे मोसमणप्पओगपरिणए एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणए, ५. अहवा एगे मोसमणप्पओगपरिणए एगे असच्चमोसमणप्पओगपरिणए, ६. अहवा एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणए एगे असच्चामोसमणप्पओगपरिणए। प. भंते ! जइ सच्चमणप्पओगपरिणया किं द्रव्यानुयोग-(३) २. मिश्र परिणत होते हैं, ३. विश्रसा परिणत होते हैं, ४. अथवा एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है और एक मिश्रपरिणत होता है। ५. अथवा एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है और एक विश्रसापरिणत होता है। ६. अथवा एक द्रव्य मिश्र परिणत होता है और एक विश्रसापरिणत होता है। प्र. भंते ! यदि वे दो द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं तो क्या वे मनःप्रयोग परिणत, वचन प्रयोग परिणत या कायप्रयोग परिणत होते हैं? उ. गौतम ! वे १. मनःप्रयोगपरिणत भी होते हैं, २. वचन प्रयोग परिणत भी होते हैं, ३. काय प्रयोग परिणत भी होते हैं, ४. अथवा एक द्रव्य मनःप्रयोग परिणत होता है और दूसरा वचन प्रयोग परिणत होता है, ५. अथवा एक द्रव्य मनःप्रयोग परिणत होता है और दूसरा काय प्रयोग परिणत होता है। ६. अथवा एक द्रव्य वचन प्रयोग परिणत होता है और दूसरा काय प्रयोग परिणत होता है। प्र. भंते ! यदि वे दो द्रव्य मनःप्रयोग परिणत होते हैं तो क्या वे १. सत्यमनः प्रयोग परिणत होते हैं, २. असत्यमनःप्रयोग परिणत होते हैं, ३. सत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होते हैं, ४. असत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होते हैं? उ. गौतम ! सत्यमनःप्रयोग परिणत भी होता है यावत् असत्यामृषामनः प्रयोग परिणत भी होता है। १. अथवा एक सत्यमनःप्रयोग परिणत होता है और एक मृषामनः प्रयोग परिणत होता है। २. अथवा एक सत्यमनः प्रयोग परिणत होता है और एक सत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होता है। ३. अथवा एक सत्यमनःप्रयोग परिणत होता है और एक असत्यमृषामनःप्रयोग परिणत होता है। ४. अथवा एक मृषामनःप्रयोग परिणत होता है और एक सत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होता है। ५. अथवा एक मृषामनःप्रयोग परिणत होता है और एक असत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होता है। ६. अथवा एक सत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होता है और एक असत्यामृषामनःप्रयोग परिणत होता है। प्र. भंते ! यदि वे दो द्रव्य सत्यमनःप्रयोग परिणत होते हैं तो क्या वे१. आरम्भसत्यमनःप्रयोग परिणत होते हैं यावत् ६. असमारंभ सत्यमनःप्रयोग परिणत होते हैं ? उ. गौतम ! वे (दो द्रव्य) आरम्भ सत्यमनःप्रयोग परिणत भी होते हैं यावत् असमारम्भ सत्यमनःप्रयोग परिणत भी होते हैं। १. आरम्भसच्चमणप्पओगपरिणया जाव ६. असमारंभसच्चमणप्पओगपरिणया? उ. गोयमा ! आरम्भसच्चमणप्पओगपरिणया वि जाव असमारंभसच्चमणप्पओगपरिणया वि,
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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