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________________ 坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐坐 स्व. शा. कस्तूरचन्दजी प्रतापजी साकरिया, सांडेराव आप सांडेराव (बांकलीवास) निवासी प्रतापजी कपूर जी के सुपुत्र थे! स्व. तपस्वी स्वामी श्री वक्तावरमल जी म. के अनन्य भक्तों में से एक थे। आपके सुपुत्र शांतिलाल जी, कांतिलाल जी, मदनलाल जी, विमलचन्द जी, सुरेश कुमार जी, जगदीश जी भी धर्म में दृढ़ श्रद्धाभाव रखते हैं। सन् ८५ में गुरुदेव के चातुर्मास में आपके घर से ही पाँच मास खमण हुए। आप आगम अनुयोग ट्रस्ट के सक्रिय सहयोगी रहे हैं। श्री जब्बरसिंहजी बरड़िया, रूपनगढ़ आपरूपनगढ़ के स्वर्गीय श्रावक श्री रामसिंह जी साहब के सुपुत्र हैं। संघ के अच्छे कार्यकर्ता हैं। आपकी पूज्य गुरुदेव के प्रति अनन्य श्रद्धा है। आपका सभी परिवार धर्म एवं समाज सेवा में भाग लेता रहता है। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सक्रिय सहयोगी हैं। श्री लालचन्द जी श्रीश्रीमाल, ब्यावर (राज.) आप आचार्य जयमल श्रावक संघ के प्रमुख कार्यकर्ता हैं। बहुत ही उदार हृदयी धर्म श्रद्धालु श्रावक हैं। आपकी आचार्यकल्प श्री शुभचन्द जी म. सा. के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति है। ब्यावर में हमीरमल दलीचन्द श्रीश्रीमाल व मद्रास में माणकचन्द कवरलाल श्रीश्रीमाल के नाम से प्रसिद्ध फर्म हैं। स्व. श्रीमान् धींगड़मल जी कानूंगा, (गढ़ सिवाना) अहमदाबाद आप दानवीर धर्मनिष्ठ सुश्रावक थे। आपकी धर्मपत्नी पानीबाई भी धर्मशीला श्राविका थी। धार्मिक कार्यों में लक्ष्मी का सदुपयोग करते ही रहते थे। आपके सुपुत्र राजमल जी आदि पूरा परिवार बहुत धर्म भावना वाला है। आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. के प्रति विशेष श्रद्धा भक्ति है। आगम अनुयोग ट्रस्ट के सक्रिय सहयोगी बने हैं। death ale ale ale ale alrealesalesale Madealealilaalaalaalaalendalaalesalealedealer
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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