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________________ coast co द्रव्यानुयोग प्रकाशन योजना के सम्माननीय सहयोगी सदस्यों के चित्र व परिचय 10000033 33 3 श्री चन्दनमल जी, मुकुन्दचन्द जी लुंकड़, अहमदाबाद आप पचपदरा (मारवाड़) के मूल निवासी हैं। बहुत ही धर्म श्रद्धालु एवं उदार भावना वाले श्रावक हैं। आपने पूज्य पिताजी की स्मृति में अपने गाँव में बहुत बड़े स्थानक का भी निर्माण करवाया है। आबु पर्वत पर चैत्री आयंबिल ओली भी आपने करवाई। आपके सुपुत्र श्री पूनमचन्द जी, कांतिलाल जी, महावीरचन्द जी भी आवनाशील हैं। पूज्य भुरुदेव के प्रति विशेष अच्छा रखते हैं। आजम अनुयोग ट्रस्ट में सहयोगी बने हैं। श्रीमती खम्माबाई श्री मूलचन्द जी कोठारी, अहमदाबाद आप पिपाड़ सिटी (राज.) के निवासी हैं। वहाँ का कोठारी परिवार बहुत ही धर्म श्रद्धालु एवं उदार भावना वाला है। सेठ श्री मूलचन्द जी सा. एवं खम्माबाई दोनों ही बहुत ही सेवाभावी हैं। प्रत्येक कार्य में अग्रसर रहते हैं । उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. सा. के प्रति विशेष श्रद्धा भक्ति थी। वर्तमान आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. सा. के भी परम भक्त हैं। अनुयोग ट्रस्ट में सहयोग प्रदान किया है। श्री नरेन्द्रकुमार जी छाजेड़, उदयपुर आप स्वामी जी श्री छगनलाल जी म. के परम भक्त शाहपुरा (राज.) के प्रसिद्ध न्यायाधीश समाज के कर्णधार श्री सरदारमल जी सा. छाजेड़ के सुपौत्र एवं श्री मानमल जी सा. छाजेड़ के सुपुत्र हैं। बहुत ही भावनाशील श्रावक हैं। श्रुति सिम्बेटिक्स लिमिटेड के प्रबन्ध निर्देशक एवं भंवाल सिंथेटिक्स के चेयरमैन हैं। आपकी आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. उपाध्याय श्री कन्हैयालाल जी म. 'कमल' प्रवर्तक श्री महेन्द्र मुजि जी म. के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति है। आजम अनुयोग ट्रस्ट के आप सहयोगी हैं। श्रीमान केवलचंद जी ब्रह्मेचा शान्त एवं रखरखाव वाले उदारमना श्री गुजराजजी, खींवराजजी केवलचन्दजी चा इन तीनों भाईयों का मान समाज में विशिष्ट स्थान है। आप राजस्थान में अटपड़ा ग्राम के निवासी श्रीमान् धनराजजी ब्रह्मेचा एवं इच्छाबाई के सुपुत्र हैं। आपका मन्त्राल में "श्री जैन जरी स्टोर" श्री जैन क्लॉब सेन्टर नामक प्रसिद्ध व्यापार है। श्रीमान् केवी ला अपने नियम, पच्छखान में अडिन है, नियमित सामायिक करना २० वर्षों से प्रकाशन व चौविहार करते हैं। आपकी प्रेरणा से धनराज, जुगराज ब्रह्मेचा चेरिटेबल ट्रस्ट, जुगराज, खींवराज, केवलचंद ब्रह्मेचा ट्रस्ट, के. बी. जैन ट्रस्ट चलते हैं। आप तीनों भाईयों को "त्रिमूर्ति' नाम से जाना जाता है। पूरा परिवार धर्म अालु है. ट्रस्ट में विशेष सहयोग दिया है। , श्रीमान अमरचंद जी मेहता, बैंगलोर आपके पूज्य पिताश्री अमोलकचंद जी सा मेहता मूलतः रायपुर (मारवाड़) के निवासी थे। श्री अमोलकचंद जी सा. वहाँ पर प्रतिष्ठित कामदार थे। आज भी वहाँ पर कामवारों का ठिकाना प्रसिद्ध है। उनके सुपुत्र श्रीमान् अमरचंदजी सा. अभी बैंगलोर में रहते हैं। बहुत बड़ा व्यवसाब है। सभी परिवार बहुत ही धर्म श्रखा है। आजम अनुयोग ट्रस्ट के सहयोगी हैं। Jagat 3 3 0 0 0 0 0 0 coac
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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