SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ acca co स्व. श्री कालूसिंह जी कोठारी, मदनगंज आप श्रमण संघ के प्रति असीम श्रद्धा वाले आवक थे। आपके सुपुत्र श्री महावीरचन्द जी आदि भी धर्म में उसी प्रकार बच्चा रखते हैं। आप सबकी पूज्य गुरुदेव के प्रति अनन्य श्रद्धा है । आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सहयोगी सदस्य हैं। श्री रणजीतसिंह जी जैन, सिरसा (हरियाणा) आप प्रसिद्ध श्रावक श्री लक्खुरामजी जैन मन्डी कालावाली (जिला सिरसा, हरियाणा) के सुपुत्र हैं। स्वामी श्री छगनलाल जी महाराज के आप परम भक्त हैं। तपस्वी श्री रोशन मुनि जी म. के प्रति भी आपकी विशेष भक्ति है। सामाजिक-धार्मिक कार्यों में आप उदारतापूर्वक सहयोग देते हैं । आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सक्रिय सदस्य हैं। 33 स्व. श्री जुहारमल जी लुम्बा जी साकरिया (सांडेराव) आपका परिवार बहुत ही धर्मनिष्ठ तथा उदारमना है। आपकी भाँति आपकी धर्मपत्नी सौ. पानीबाई भी बहुत ही धर्मशीला, सेवापरायण सुखाविका है। आपके सुपुत्र श्री चम्पालाल जी, फुटरमल जी, हस्तीमल जी. सागरमल जी और रमेशचन्द्र जी सभी भाई धर्मप्रेमी व गुरुदेवश्री के परम भक्त हैं। आगम अनुयोग ट्रस्ट एवं श्री वर्धमान महावीर केन्द्र, आबू पर्वत आदि संस्थाओं में आपका सक्रिय सहयोग मिलता रहा है। स्व. श्री ताराचन्द जी भगवान जी. सांडेराव आप धार्मिक आराधना उपासना में विशेष प्रबल भावना रखते थे । आपका व्यवसाय क्षेत्र बम्बई है। आप शरीर से अस्वस्थ होते भी हुए सदा प्रसन्नचित रहते थे। युवावस्था में ही आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण कर लिया था। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सक्रिय सहयोगी हैं। 4.4 க வ லலம லக லத தருதயலம லக வ स्व. सुभाषचन्द्र घीसालाल जी कोठारी, हैदराबाद श्री चम्पालालजी चौरड़िया, मदनगंज आप मदनगंज श्रावक संघ के प्रमुख कार्यकर्ता हैं एवं स्वभाव से गंभीर और धर्म में श्रद्धा वाले वृढ़ अखालु प्रायक हैं। आपकी पूज्य गुरुदेव के प्रति अनन्य श्रद्धा है। महावीर कल्याण केन्द्र मदनगंज, ध्यान साधना केन्द्र आबू पर्वत आदि अनेक संस्थाओं के ट्रस्टी हैं। आश्रम अनुयोज ट्रस्ट के आप सक्रिय सहयोगी सदस्य हैं। आपके पूर्वज पीही (मारवाड़) निवासी थे । वर्तमान में आपके परिवार का हैदराबाद में फायनेन्स का व्यवसाय है। आपकी माताजी बिदामबाई ने आपके पूरे परिवार में धार्मिक संस्कारों का सिंचन किया जिससे परिवार की. धर्म में दृढ़ श्रद्धा है। आजम अनुयोग ट्रस्ट के आप सहयोगी हैं।
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy