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________________ १७९१ पुद्गल अध्ययन अहवा-एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति। छहा कज्जमाणेएगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ। सत्तहा कज्जमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवंति। प. अट्ठ भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवइ? उ. गोयमा ! अट्ठपएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहा वि जाव अट्ठहा विकज्जति, दुहा कज्जमाणेएगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ, अहवा-दो चउप्पएसिया खंधा भवंति। तिहा कज्जमाणेएगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउपएसिएखंधे भवइ, अहवा-एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणेएगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ दोन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति। अहवा-एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा-चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति। अथवा-एक ओर तीन परमाणु पुद्गल, एक ओर दो द्विप्रदेशिक स्कन्ध होते हैं। छह विभाग किये जाने परएक ओर पाँच परमाणु पुद्गल, एक ओर द्विप्रदेशिक स्कन्ध होता है। सात विभाग किये जाने पर सात परमाणु पुद्गल होते हैं। प्र. भंते ! आठ परमाणु पुद्गल एक साथ मिलते हैं और एक साथ मिलने पर क्या होता है? उ. गौतम ! अष्टप्रदेशिक स्कन्ध होता है। उसका भेदन किये जाने पर दो यावत् आठ विभाग होते हैं। दो विभाग किये जाने परएक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर एक सप्तप्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर एक षट्प्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-दो चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होते हैं। तीन विभाग किये जाने परएक ओर दो परमाणु पुद्गल, एक ओर एक षट्प्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर एक चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर दो द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर एक चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर दो त्रिप्रदेशी स्कन्ध होते हैं। चार विभाग किये जाने परएक ओर तीन परमाणु पुद्गल, एक ओर पंच प्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर दो परमाणु पुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर दो परमाणु पुद्गल, एक ओर दो त्रिप्रदेशिक स्कन्ध होते हैं। अथवा-एक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर दो द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-चार द्विप्रदेशिक स्कन्ध होते हैं।
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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