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________________ १७९२ पंचहा कज्जमाणेएगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ तिन्नि दुपएसिया खंधा भवंति। छहा कज्जमाणेएगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति। सत्तहा कज्जमाणेएगयओछ परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ। अट्ठहा कज्जमाणे अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति। प. नव भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवइ? उ. गोयमा ! नव पएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहा वि जाव नवविहा कज्जति, दुहा कज्जमाणेएगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओछप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ चउप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ। तिहा कज्जमाणेएगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओपरमाणुपोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ, अहवा-एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति, अहवा-एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खंधे, द्रव्यानुयोग-(२) पाँच विभाग किये जाने परएक ओर चार परमाणु पुद्गल, एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर तीन परमाणु पुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर दो परमाणु पुद्गल, एक ओर तीन द्विप्रदेशिक स्कन्ध होते हैं। छह विभाग किये जाने परएक ओर पांच परमाणु पुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर चार परमाणु पुद्गल, एक ओर दो द्विप्रदेशिक स्कन्ध होते हैं। सात विभाग किये जाने परएक ओर छह परमाणु पुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध होता है। आठ विभाग किये जाने पर आठ परमाणु पुद्गल होते हैं। प्र. भंते ! नौ परमाणु पुद्गल एक साथ मिलते हैं और एक साथ मिलने पर क्या होता है? उ. गौतम ! नवप्रदेशी स्कन्ध होता है। उसका भेदन किये जाने पर दो यावत् नौ विभाग होते हैं। दो विभाग किये जाने परएक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर एक अष्टप्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर सप्तप्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, एक ओर षट्प्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध, एक ओर एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है। तीन विभाग किये जाने परएक ओर दो परमाणु पुद्गल, एक ओर एक सप्तप्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर एक षट्प्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा-एक ओर एक परमाणु पुद्गल, एक ओर दो चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होते हैं। अथवा-एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध,
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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