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________________ चरमाचरम अध्ययन ८.नो चरिमे य अचरिमाइंच, ९.सिय चरिमाइं च अचरिमे य, ००००० १०.सिय चरिमाइंच अचरिमाइं च गनगन्न ११.सिय चरिमे य अवत्तव्वए य, ० ०० १७२१ ८. (एक वचन से) चरम और (बहुवचन से) चरम नहीं है, ९. कथंचित् (बहुवचन से) चरम है और (एक वचन) अचरम है, १०. कथंचित् (बहुवचन से) चरम और अचरम है, ११. कथंचित् (एक वचन से) चरम और अवक्तव्य है, १२.सिय चरिमे य अवत्तव्ययाई च, १३.सिय चरिमाइं च अवत्तव्वए य, १४.नो चरिमाइंच अवत्तव्वयाइं च, १५.नो अचरिमे य अवत्तव्वए य, १६.नो अचरिमे य अवत्तव्वयाइं च, १७.नो अचरिमाइं च अवत्तव्वए य, १८.नो अचरिमाइं च अवत्तव्वयाइंच, १९. नो चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्वए य, २०. नो चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्वयाई च, २१. नो चरिमे य अचरिमाई च अवत्तव्वए य, २२. नो चरिमे य अचरिमाइं च अवत्तव्वयाइंच, २३.सिय चरिमाइंच अचरिमे य |०००० अवत्तव्वए य, २४. सिय चरिमाइं च अचरिमेय अवत्तव्वयाई च, २५.सिय चरिमाइंच अचरिमाइंच अवत्तव्वए य, २६.नो चरिमाइं च अचरिमाइं च अवत्तव्बयाई च। प. छप्पएसिएणं भंते ! खंधे किं १. चरिमे जाव २६. उदाहु चरिमाइं च अचरिमाइं च अवत्तव्वयाइं च? उ. गोयमा ! छप्पएसिए णं खंधे १. सिय चरिमे, २. नो अचरिमे, ३.सिय अवत्तव्वए, ४.नो चरिमाइं, ५. नो अचरिमाई, ६.नो अवत्तव्वयाई, १२. कथंचित् (एक वचन से) चरम और (बहुवचन से) अवक्तव्य है, १३. कथंचित् (बहुवचन से) चरम और (एक वचन से) अवक्तव्य है, १४. वह (बहुवचन से) चरम और अवक्तव्य नहीं है, १५. वह (एक वचन से) अचरम और अवक्तव्य नहीं है, १६. वह (एक वचन से) अचरम नहीं है और (बहुवचन से) अवक्तव्य है, १७. वह (बहुवचन से) अचरम नहीं है और (एक वचन से) अवक्तव्य है, १८. वह (बहुवचन से) अचरम और अवक्तव्य नहीं है, १९. वह (एक वचन से) चरम, अचरम और अवक्तव्य नहीं है, २०. वह (एक वचन से) चरम और अचरम नहीं है, (बहुवचन से) अवक्तव्य है, २१. वह (एक वचन से) चरम नहीं है,(बहुवचन से) अचरम तथा (एक वचन से) अवक्तव्य है। २२. वह (एक वचन से) चरम नहीं है,(बहुवचन से) अचरम और अवक्तव्य है, २३. कथंचित् (बहुवचन से) चरम है तथा (एक वचन से) अचरम और अवक्तव्य है, २४. कथंचित् (बहुवचन से) चरम है, (एक वचन से)अचरम है और (बहुवचन से) अक्तव्य है, २५. कथंचित् (बहुवचन से) चरम और अचरम है तथा (एक वचन से) अवक्तव्य है, २६.(बहुवचन से) चरम, अचरम और अवक्तव्य नहीं है। प्र. भन्ते ! षट्प्रदेशिक स्कन्ध क्या १.(एक वचन से) चरम है यावत् २६ अथवा (बहुवचन से) चरम, अचरम और अवक्तव्य है? उ. गौतम ! षट्प्रदेशिक स्कन्ध १. (एक वचन से) कथंचित् चरम है, २. अचरम नहीं है, ३. कथंचित् अवक्तव्य है, ४. वह (बहुवचन से) चरम नहीं है, ५. अचरम नहीं है, ६.अवक्तव्य नहीं है, ००० ०००
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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