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________________ ( १४४१) [ वुक्कंति अध्ययन ११. चउवीसदंडगा जीवा कओहिंतो उववज्जंतीति परूवणं प. नेरइया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ? किं नेरइएहिंतो उववजंति? तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? मणुस्सेहिंतो उववज्जति? देवेहिंतो उववज्जति? उ. गोयमा ! नेरइया नो नेरइएहिंतो उववज्जति, तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति, मणुस्सेहिंतो उववज्जति, नो देवेहिंतो उववज्जति। प. जइ तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, किं एगिदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? बेइंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति? तेइंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? चउरिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? उ. गोयमा ! नो एगिदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, नो बेइंदिय तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति, नो तेइंदिय तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, नो चउरिंदिय तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, ११. चौबीस दंडकों के जीव कहाँ से आकर उत्पन्न होते हैं इसका प्ररूपणप्र. भन्ते ! नैरयिक कहाँ से आकर उत्पन्न होते हैं ? क्या (वे) नैरयिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं ? तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? मनुष्यों में से आकर उत्पन्न होते है ? देवों में से आकर उत्पन्न होते हैं? उ. गौतम ! नैरयिक, नैरयिकों में से आकर उत्पन्न नहीं होते, (वे) तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं, मनुष्यों में से आकर उत्पन्न होते हैं, किन्तु देवों में से आकर उत्पन्न नहीं होते हैं। प्र. यदि (नैरयिक) तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं तो क्या (वे) एकेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं ? द्वीन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं ? त्रीन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? चतुरिन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं ? उ. गौतम !(वे) एकेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न नहीं होते हैं। द्वीन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न नहीं होते हैं। त्रीन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न नहीं होते हैं। चतुरिन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर भी उत्पन्न नहीं होते हैं। किन्तु पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं। प्र. यदि (नैरयिक) पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं तो क्या जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? स्थलचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? उ. गौतम ! वे जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं। वे स्थलचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं। वे खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं। प्र. यदि जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं, तो क्या सम्मूर्छिम जलचर पंचेन्द्रिय-तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? या गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिकों में से आकर उत्पन्न होते हैं? पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति। प. जइ पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति, किंजलयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति? थलचर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति? खहयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति? उ. गोयमा ! जलयर-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति। थलयर-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति। खहयर-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो वि उववज्जति। प. जइ जलयर-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति, किं सम्मुच्छिम-जलयर-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जंति? गब्भवक्कंतिय-जलयर-पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति? १. (क) जीवा. पडि. १, सु. ३२ (ख) जीवा. पडि. १, सु. १३ (१९)
SR No.090159
Book TitleDravyanuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages806
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size29 MB
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