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द्रव्यानुयोग-(२) २. (उनसे) नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) देव असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सिद्ध अनन्तगुणे हैं,
५. (उनसे) तिर्यञ्चयोनिक जीव अनन्तगुणे हैं। प्र. भन्ते ! इन नैरयिकों, तिर्यञ्चयोनिकों, तिर्यञ्चयोनिनीयों,
मनुष्यों, मनुष्य स्त्रियों, देवों, देवियों और सिद्धों का आठ गतियों की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है? उ. गौतम ! १. सबसे कम मनुष्य स्त्री हैं,
२. (उनसे) मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) तिर्यञ्चयोनिनीयां असंख्यातगुणी हैं, ५. (उनसे) देव असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) देवियां असंख्यातगुणी हैं, ७. (उनसे) सिद्ध अनन्तगुणे हैं, ८. (उनसे) तिर्यञ्चयोनिक अनन्तगुणे हैं।
१६. प्रथम-अप्रथम चार गतियों और सिद्ध का अल्पबहुत्वप्र. भन्ते ! इन प्रथमसमय नैरयिक, प्रथमसमयतिर्यञ्चयोनिक,
प्रथमसमयमनुष्य, प्रथमसमयदेव और प्रथमसमयसिद्धों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं?
२. नेरइया असंखेज्जगुणा, ३. देवा असंखेज्जगुणा, ४. सिद्धा अणंतगुणा,
५. तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा। प. एएसि णं भंते ! नेरइयाणं तिरिक्खजोणियाणं
तिरिक्खजोणिणीणं मणुस्साणं मणुस्सीणं देवाणं देवीणं सिद्धाण य अट्ठगइ समासेणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा
जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवाओ मणुस्सीओ,
२. मणुस्सा असंखेज्जगुणा, ३. नेरइया असंखेज्जगुणा, ४. तिरिक्खजोणिणीओ असंखेज्जगुणाओ, ५. देवा असंखेज्जगुणा, ६. देवीओ असंखेज्जगुणाओ, ७. सिद्धा अणंतगुणा, ८. तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा२।
-पण्ण.प.३,सु.२२५-२२६ १६. पढमापढम चउगईसु सिद्धस्स य अप्पबहुत्तंप. एएसि णं भंते ! पढमसमयणेरइयाणं, पढमसमयतिरिख
जोणियाणं, पढमसमयमणूसाणं, पढमसमयदेवाणं, पढमसमयसिद्धाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा पढमसमयसिद्धा,
२. पढमसमयमणूसा असंखेज्जगुणा, ३. पढमसमयनेरइया असंखेज्जगुणा, ४. पढमसमयदेवा असंखेज्जगुणा,
५. पढमसमयतिरिक्खजोणिया असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! अपढमसमयनेरइयाणं जाव
अपढमसमयसिद्धाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा अपढमसमयमणूसा,
२. अपढमसमयनेरइया असंखेज्जगुणा, ३. अपढमसमयदेवा असंखेज्जगुणा, ४. अपढमसमयसिद्धा अणंतगुणा,
५. अपढमसमयतिरिक्खजोणिया अणंतगुणा। प. एएसि णं भंते ! पढमसमयनेरइयाणं, अपढमसमय
नेरइयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया
वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा पढमसमयनेरइया,
२. अपढमसमयनेरइया असंखेज्जगुणा, प. एएसि णं भंते ! पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं,
अपढमसमयतिरिक्खजोणियाण य कयरे कयरेहितो
अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? १. जीवा. पडि.९,सु.२४९ २. (क) जीवा. पडि.६,सु.२२५
उ. गौतम ! १. प्रथमसमय के सिद्ध सबसे अल्प हैं,
२.(उनसे) प्रथमसमय के मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) प्रथमसमय के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) प्रथमसमय के देव असंख्यातगुणे हैं,
५. (उनसे) प्रथमसमय के तिर्यञ्चयोनिक असंख्यातगुणे हैं। प्र. भन्ते ! इन अप्रथमसमय नैरयिक यावत् अप्रथमसमय सिद्धों
में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं?
उ. गौतम ! १. अप्रथमसमय के मनुष्य सबसे अल्प हैं,
२.(उनसे) अप्रथमसमय के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) अप्रथमसमय के देव असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) अप्रथमसमय के सिद्ध अनन्तगुणे हैं,
५. (उनसे) अप्रथमसमय के तिर्यञ्चयोनिक अनन्तगुणे हैं। प्र. भन्ते ! इन प्रथमसमयनैरयिकों और अप्रथमसमयनैरयिकों में
कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
उ. गौतम ! १. सबसे अल्प प्रथमसमयनैरयिक हैं,
२. (उनसे) अप्रथमसमयनैरयिक असंख्यातगुणे हैं। प्र. भन्ते ! इन प्रथमसमयतिर्यञ्चयोनिकों और अप्रथमसमय
तिर्यञ्चयोनिकों में कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
(ख) जीवा. पडि.९,सु.२५५
(ग) विया.स.२५,उ.३.सु.११७