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________________ वेद अध्ययन २१-२२. पुव्यविदेह-अवरविदेह-कम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि संखेज्जगुणाओ, २३.अणुत्तरोववाइय-देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, २४-३०.उवरिमगेवेज्जा देवपुरिसा संखेज्जगुणा जाव आणएकप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा, ३१. अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ३२.छट्ठीए पुढवीए नेरइय-नपुंसगा असंखज्जगुणा, ३३. सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ३४. महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ३५.पंचमाए पुढवीए-नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ३६.लंतए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ३७. चउत्थीए पुढवीए नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ३८.बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ३९. तच्चाए पुढवीए नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ४०. माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ४१. सणंकुमारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ४२. दोच्चाए पुढवीए नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, १०६१ २१-२२. (उनसे) पूर्वविदेह-अपरविदेह कर्मभूमिक मनुष्य स्त्रियां ये दोनों संख्यातगुणा हैं, २३.(उनसे) अनुत्तरोपातिक देवपुरुष असंख्यातगुणा हैं, २४-३0. (उनसे) उपरिम ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यातगुणा हैं यावत् आनत कल्प के देवपुरुष संख्यातगुणे हैं, ३१.(उनसे) अधःसप्तम पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ३२.(उनसे) छठी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ३३.(उनसे) सहस्रार कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३४.(उनसे) महाशुक्र कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३५.(उनसे) पांचवी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ३६.(उनसे) लांतक कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३७.(उनसे) चौथी (नरक) पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ३८.(उनसे) ब्रह्मलोक कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३९.(उनसे) तीसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ४०.(उनसे) माहेन्द्र कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ४१.(उनसे) सनतकुमार कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ४२. (उनसे) दूसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ४३. (उनसे) अन्तर्वीपज-अकर्मभूमिक मनुष्य नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ४४-४५. (उनसे) देवकुरु-उत्तरकुरु के अकर्मभूमिक मनुष्य-नपुंसक दोनों संख्यातगुणे हैं, ४६-५३. (उनसे) इसी प्रकार विदेह तक संख्यातगुणे हैं, ५४. (उनसे) ईशान कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ५५. (उनसे) ईशान कल्प की देवस्त्रियां संख्यातगुणी है, ५६. (उनसे) सौधर्म कल्प के देवपुरुष संख्यातगुणे हैं, ५७. (उनसे) सौधर्म कल्प की देवस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, ५८.(उनसे) भवनवासी देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, ५९.(उनसे) भवनवासी देवस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, ६०. (उनसे) इस रलप्रभा पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ६१.(उनसे) खेचर तिर्यग्योनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, ६२.(उनसे) खेचर तिर्यग्योनिक स्त्रियां संख्यातगुणी हैं, ६३. (उनसे) स्थलचर तिर्यग्योनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, ६४. (उनसे) स्थलचर तिर्यग्योनिक स्त्रियां संख्यातगुणी है, ६५. (उनसे) जलचर तिर्यग्योनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, ६६.(उनसे) जलचर तिर्यग्योनिक स्त्रियां संख्यातगुणी है, ६७.(उनसे) वाणव्यंतर देवपुरुष संख्यातगुणे हैं, ६८.(उनसे) वाणव्यंतर देवस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, ४३.अंतरदीवग-अकम्मभूमग-मणुस्स-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ४४-४५. देवकुरु-उत्तरकुरु-अकम्मभूमग-मणुस्सनपुंसगा दोवि संखेज्जगुणा, ४६-५३. एवं जाव विदेहत्ति, ५४. ईसाणे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ५५. ईसाणे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, ५६.सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा, ५७. सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, ५८. भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ५९.भवणवासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, ६०. इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ६१.खहयर-तिरिक्खजोणिय-पुरिसा संखेज्जगुणा, ६२.खहयर-तिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, ६३. थलयर-तिरिक्खजोणिय-पुरिसा संखेज्जगुणा, ६४. थलयर-तिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, ६५. जलयर-तिरिक्खजोणिय-पुरिसा संखेज्जगुणा, ६६. जलयर-तिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, ६७.वाणमंतरदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा, ६८.वाणमंतरदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ,
SR No.090159
Book TitleDravyanuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages806
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size29 MB
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