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________________ १०५४ ( द्रव्यानुयोग-(२)) २७. (उनसे) सौधर्मकल्प के देव-पुरुष संख्यातगुणे हैं, २८. (उनसे) भवनवासी देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, २९.(उनसे) खेचर तिर्यग्योनिक पुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३०.(उनसे) स्थलचर तिर्यग्योनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, ३१.(उनसे) जलचर तिर्यग्योनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, ३२. (उनसे) वाणव्यंतर देव-पुरुष संख्यातगुणे हैं, ३३.(उनसे) ज्योतिष्क देवपुरुष संख्यातगुणे हैं, २७. सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा, २८.भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा, २९.खहयरतिरिक्खजोणिय -पुरिसा असंखेज्जगुणा, ३०.थलयरतिरिक्खजोणिय-पुरिसा संखेज्जगुणा, ३१.जलयरतिरिक्खजोणिय-पुरिसा संखेज्जगुणा, ३२. वाणमंतरदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा, ३३.जोइसियदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा। -जीवा. प. २, सु. ५६(१-२) (ग) नपुंसगाणं अप्पबहुत्तंप. (१) एएसिणं भंते !१.णेरइय-नपुंसगाणं,२.तिरिक्ख जोणिय-नपुंसगाणं, ३. मणुस्स-नपुंसगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा मणुस्स-नपुंसगा, २. नेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ३. तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा अणंतगुणा। प. (२) एएसि णं भंते ! नेरइय-नपुंसगाणं रयणप्पहापुढवि णेरइय-नपुंसगाणं जाव अहेसत्तमपुढविणेरइयनपुंसगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा अहेसत्तमपुढविनेरइय-नपुंसगा, (ग) नपुंसकों का अल्पबहुत्वप्र. (१) भंते ! इन १. नैरयिक नपुंसकों,२.तिर्यग्योनिक नपुंसकों और ३. मनुष्य नपुंसकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प मनुष्य-नपुंसक हैं, २. (उनसे) नैरयिक-नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) तिर्यग्योनिक-नपुंसक अनन्तगुणे हैं, प्र. (२) भंते ! इन नैरयिक-नपुंसकों में से रलप्रभा-पृथ्वी के नैरयिक-नपुंसकों यावत् अधःसप्तम पृथ्वी के नैरयिकनपुंसकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. अधःसप्तम पृथ्वी के नैरयिक-नपुंसक सबसे अल्प हैं, २.६ (उनसे) छठी पृथ्वी के नैरयिक-नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, यावत् दूसरी पृथ्वी के नैरयिक-नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) इस रत्नप्रभा-पृथ्वी के नैरयिक-नपुंसक असंख्यातगुणे हैं। प्र. (३) भंते ! तिर्यग्योनिक नपुंसकों में एकेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक नपुंसक, पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक-नपुंसक यावत् वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक, द्वीन्द्रियत्रीन्द्रिय-चउरिन्द्रिय-तिर्यग्योनिक नपुंसक, पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसकों के जलचर स्थलचर खेचरों में से कौन-किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? २-६.छट्ठपुढविणेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा जाव दोच्चपुढविणेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ७. इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा। प. (३) एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणिय-नपुंसगाणं, एगिंदिय- तिरिक्खजोणिय-नपुंसगाणं, पुढविकाइयएगिंदिय- तिरिक्खजोणिय-नपुंसगाणं जाव वण्णस्सइकाइय- एगिंदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगाणं, बेइंदिय-तेइंदिय- चउरिंदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगाणं, पंचें दिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगाणं-जलयराणं, थलयराणं,खहयराण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा खहयर-तिरिक्खजोणिय नपुंसगा, २. थलयर-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा संखेज्जगुणा, ३. जलयर-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा संखेज्जगुणा, ४. चउरिदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा विसेसाहिया, ५. तेइंदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा विसेसाहिया, ६. बेइंदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा विसेसाहिया, ७. ते उक्काइय-एगिंदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा असंखेज्जगुणा, ८. पुढविक्काइय-एगिंदिय-तिरिक्खजोणिय-नपुंसगा विसेसाहिया, उ. गौतम ! १. खेचर तिर्यग्योनिक-नपुंसक सबसे अल्प हैं, २. (उनसे) स्थलचर तिर्यग्योनिक-नपुंसक संख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) जलचर तिर्यग्योनिक-नपुंसक संख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) चतुरिन्द्रिय तिर्यग्योनिक-नपुंसक विशेषाधिक हैं, ५. (उनसे) त्रीन्द्रिय तिर्यग्योनिक-नपुंसक विशेषाधिक हैं, ६. (उनसे) द्वीन्द्रिय तिर्यग्योनिक-नपुंसक विशेषाधिक हैं, ७. (उनसे) तेजस्कायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक-नपुंसक असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक-नपुंसक . विशेषाधिक हैं,
SR No.090159
Book TitleDravyanuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages806
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size29 MB
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