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________________ १०५३ १५. (उनसे) स्थलचरी तिर्यग्योनिक स्त्रियां संख्यातगुणी हैं, १६. (उनसे) जलचर तिर्यग्योनिक स्त्रियां संख्यातगुणी हैं, १७. (उनसे) वाणव्यंतरी देव-स्त्रियां संख्यातगुणी हैं, १८.(उनसे) ज्योतिष्क देवस्त्रियां संख्यातगुणी हैं। (ख) पुरुषों का अल्पबहुत्व स्त्रियों के अल्पबहुत्व के समान यावत्प्र. १. भंते ! इन १. भवनवासी, २, वाणव्यंतर, ३. ज्योतिष्क और ४. वैमानिक देव-पुरुषों में कौन-किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प वैमानिक देव-पुरुष हैं, २. (उनसे) भवनवासी देव-पुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) वाणव्यंतर देव-पुरुष असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) ज्योतिष्क देव-पुरुष संख्यातगुणे है। प्र. २. भंते ! इन १. जलचर, २. स्थलचर, ३. खेचर तिर्यग्योनिक पुरुषों, ४. कर्मभूमिक, ५. अकर्मभूमिक, ६.अन्तर्वीपज मनुष्य पुरुषों,७. भवनवासी, ८. वाणव्यंतर, ९.ज्योतिष्क, १०..सौधर्म से सवार्थसिद्ध पर्यंत के वैमानिक देव-पुरुषों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? वेद अध्ययन १५.थलयर -तिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगणाी, १६.जलयर -तिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, १७. वाणमंतर-देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, १८.जोइसिय-देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ। -जीवा.प. २, सु. ५०(१-५) (ख) पुरिसाणं अप्पबहुत्तं अप्पाबहुयाणि जहेवित्थीणं जाव प. १. एएसि णं भंते ! १. देवपूरिसाणं भवणवासीणं, २. वाणमंतराणं, ३. जोइसियाणं, ४. वेमाणियाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा वेमाणियदेव-पुरिसा, २. भवणवइदेव-पुरिसा असंखेज्जगुणा, ३. वाणमंतरदेव-पुरिसा असंखेज्जगुणा, ४. जोइसियदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा। प. २. एएसि णं भंते ! तिरिक्खज़ोणिय-पुरिसाणं १. जलयराणं, २. थलयराणं, ३. खहयराणं, मणुस्सपुरिसाणं ४. कम्मभूमगाणं, ५. अकम्मभूमगाणं, ६. अंतरदीवगाणं, देवपुरिसाणं, ७.भवणवासीणं, ८. वाणमंतराणं, ९. जोइसियाणं, १०. वेमाणियाणं सोहम्माणं जाव सव्वट्ठसिद्धगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा अंतरदीवग-अकम्मभूमग मणुस्सपुरिसा २-३. देवकुरु-उत्तरकुरु-अकम्मभूमग- मणुस्सपुरिसा दोवि तुल्ला संखेज्जगुणा, ४-५. हरिवास - रम्मगवास - अकम्मभूमग मणुस्सपुरिसा दोवि तुल्ला संखेज्जगुणा, ६-७. हेमवए - हेरण्णवए - अकम्मभूमग- मणुस्सपुरिसा दोवि तुल्ला संखेज्जगुणा, ८-९. भरहेरवए - कम्मभूमग - मणुस्सपुरिसा दोवि संखेज्जगुणा, १०-११. पुव्वविदेह - अवरविदेह - कम्मभूमग मणुस्सपुरिसा दोवि संखेज्जगुणा, १२. अणुत्तरोववाइयदेव-पुरिसा असंखेज्जगुणा, १३. उवरिम-गेविज्जदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा, १४. मज्झिम-गेविज्जदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा, १५.हेट्ठिम-गेविज्जदेव-पुरिसा संखेज्जगुणा, १६-१९. अच्चुयकप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा जाव आणयकप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा, २०. सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, २१-२४. महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, जाव माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, २५. सणंकुमारकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, २६. ईसाणकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, उ. गौतम ! १. सबसे अल्प अन्तर्वीपज अकर्मभूमिक मनुष्य-पुरुष हैं, २-३. (उनसे) देवकुरु-उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्य-पुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुणे हैं, ४-५. (उनसे) हरिवर्ष-रम्यक्वर्ष अकर्मभूमिक मनुष्य-पुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुणे हैं, ६-७. (उनसे) हेमवत-हैरण्यवत अकर्मभूमिक मनुष्य-पुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुणे हैं, ८-९. (उनसे) भरत-ऐरवत कर्मभूमिक मनुष्य-पुरुष दोनों संख्यातगुणे हैं, '१०-११. (उनसे) पूर्वविदेह-अपरविदेह कर्मभूमिक मनुष्य पुरुष दोनों संख्यातगुणे हैं, १२.(उनसे) अनुत्तरोपपातिक देव-पुरुष असंख्यातगुणे हैं, १३. (उनसे) उपरिम ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यातगुणे हैं ? १४. (उनसे) मध्यम ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यातगुणे हैं, १५. (उनसे) अधस्तन ग्रैवेयक देव-पुरुष संख्यातगुणे हैं, १६-१९.(उनसे) अच्युत कल्प देवपुरुष संख्यातगुणे हैं यावत् आनत कल्प के देवपुरुष संख्यातगुणे हैं, २०. (उनसे) सहस्रारकल्प के देव-पुरुष असंख्यातगुणे हैं, २१-२४. (उनसे) महाशुक्रकल्प के देव-पुरुष असंख्यातगुणे हैं यावत् माहेन्द्रकल्प के देव-पुरुष असंख्यातगुणे हैं, २५. (उनसे) सनत्कुमारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं, २६. (उनसे) ईशानकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणे हैं,
SR No.090159
Book TitleDravyanuyoga Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages806
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size29 MB
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