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________________ सूत्र | सूत्र विषय पृष्ठांक ५. नैरयिकों के श्वासोच्छ्वास के रूप में परिणमित पुद्गलों का प्ररूपण, ६. पृथ्वीकायिकादि के उच्छ्वास-निःश्वास का रूप, ५१५ ५१५ ४८१ न ५२१ ५२१ विषय पृष्ठांक ११. सर्वेन्द्रिय निवृत्ति के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८० १२. इन्द्रिय निर्वर्तना के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८१ इन्द्रिय निर्वर्तना का समय और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८१ १४. इन्द्रियकरण के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, १५. इन्द्रियोपचय के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८१ १६. चौबीसदंडकों में इन्द्रियों के संस्थानादि के छह द्वारों का प्ररूपण, ४८१-४८४ १७. इन्द्रियों की अवगाहना के भेद और .. चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८४-४८५ १८. इन्द्रियों की अवगाहना और प्रदेशों की अपेक्षा से अल्पबहुत्व, ४८५ १९. इन्द्रियावग्रह के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८५-४८७ २०: इन्द्रिय ईहा के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८७ २१. इन्द्रिय अवाय के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८७ २२. प्रकारान्तर से इन्द्रियों के भेद, ४८७ २३. द्रव्येन्द्रिय के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ४८७-४८८ २४. चौबीसदंडकों में अतीत-बद्ध पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों की प्ररूपणा, ४८८-४९७ २५. चौबीसदंडकों में भावेन्द्रियों का प्ररूपण, ४९७ २६. चौबीसदंडकों में अतीत-बद्ध-पुरस्कृत भावेन्द्रियों की प्ररूपणा, ४९७-४९९ २७. कर्कश आदि इन्द्रियगुणों के परिमाण और अल्पबहुत्व का प्ररूपण, ४९९ २८. सेन्द्रिय अनिन्द्रिय जीवों की कायस्थिति का प्ररूपण, ४९९-५०१ २९. एकेन्द्रिय जीवों के अंतरकाल का प्ररूपण, ५०१ ३०. सेन्द्रिय अनिन्द्रिय जीवों का अल्पबहुत्व, ५०१-५०३ ३१. क्षेत्र की अपेक्षा इन्द्रियों की विवक्षा से जीवों का अल्पबहुत्व, ५०३-५०५ १७. उच्छ्वास अध्ययन १. चौबीसदंडकों में उच्छ्वास-निःश्वास का प्ररूपण, ५०७-५०८ २. चौबीसदंडकों में उच्छ्वास-निःश्वास काल, ५०८-५१२ ३. विशिष्ट वैमानिक देवों का उच्छ्वास-निःश्वास काल. ५१२-५१४ ४. वैमानिक देवों के श्वासोच्छ्वास के रूप में परिणमित पुद्गलों का प्ररूपण, ५१५ १८. भाषा अध्ययन १. भाषा का स्वरूप, ५१८ २. पर्याप्तिकादि भेदों से भाषा के प्रकार, ५१८-५१९ ३. चार भाषा जातों (प्रकारों) का प्ररूपण, ५१९ ४. जीव और उन्नीसदण्डकों में भाषा के भेदों का प्ररूपण, ५१९-५२० ५. भाषा प्रकारों को बोलता हुआ जीव आराधक या विराधक, ५२० ६. भाषा में अनात्मत्व का प्ररूपण, ५२० ७. भाषा में रूपित्व का प्ररूपण, ५२० ८. भाषा में अचित्तत्व का प्ररूपण, ५२१ ९. भाषा में अजीवत्व का प्ररूपण, १०. अजीवों के भाषा का निषेध, ११. 'बोली जाती हुई भाषा ही भाषा है' का प्ररूपण, ५२१ १२. बोलते समय की भाषा के भेदन का प्ररूपण, ५२२ १३. अवधारिणी भाषा का प्ररूपण, ५२२ १४. प्रज्ञापनी भाषा की प्ररूपणा, ५२२-५२४ १५. जीवों द्वारा स्थित भाषा द्रव्यों के ग्रहण का प्ररूपण, ५२४-५२८ १६. चौबीसदंडकों द्वारा स्थित भाषा द्रव्यों के ग्रहण । का प्ररूपण, ५२८-५२९ १७. उन्नीसदण्डकों में गृहीत भाषा द्रव्यों के निःसरण का रूप, ५२९ १८. भाषा द्रव्यों का ग्रहण और निःसरण, ५३० १९. भिन्न-अभिन्न भाषा द्रव्यों के ग्रहण-निःसरण का प्ररूपण, ५३० २०. भाषा द्रव्यों के भेदन के प्रकार, ५३०-५३१ २१. भिद्यमान भाषा द्रव्यों का अल्पबहुत्व, ५३१ २२. भाषानिवृत्ति के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ५३१ २३. भाषाकरण के भेद और चौबीसदंडकों में प्ररूपण, ५३१-५३२ २४. जीव-चौबीसदंडकों में भाषक-अभाषकत्व का प्ररूपण, ५३२ २५. भाषक-अभाषकों की कायस्थिति का प्ररूपण, ५३३ २६. भाषक-अभाषकों के अंतरकाल का प्ररूपण, २७. भाषक-अभाषकों का अल्पबहुत्व, ५३३ २८. देवों की भाषण शक्ति, ५३३ २९. देवों की विशिष्ट भाषा, ५३३-५३४ ३०. शक्रेन्द्र की सावद्य-निरवद्य भाषा, ५३४ ३१. अन्य तीर्थकों द्वारा केवली-भाषा की प्ररूपणा का परिहार, ५३४ ५३३ (८४)
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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