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________________ प्रयोग अध्ययन ११. (३) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगी य, १२. (४) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्प ओगिणो य,आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, एए चत्तारि भंगा। १३. (१) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, १४. (२) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, १५. (३) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्प __ ओगिणो य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, १६. (४) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्प ओगिणो य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, एए चत्तारि भंगा। १७. (१) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य, १८. (२) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य, १९. (३) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्प ओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य, २०. (४) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्प ओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य, एए चत्तारि भंगा। २१. (१) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, २२. (२) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, २३. (३) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, २४. (४) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, . एए चत्तारि भंगा। २५. (१) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगीय, २६. (२) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य, २७. (३) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य, २८. (४) अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य, एए चत्तारि भंगा। २९. (१) अहवेगे य आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य, ११. (३) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक आहारकशरीरकायप्रयोगी होता है, १२. (४) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी होते हैं, इस प्रकार ये चार भंग हैं। १३. (१) अथवा एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और ____एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होता है, १४. (२) अथवा एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं, १५. (३) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक आहारकशरीरकायप्रयोगी होता है, १६. (४) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं, इस प्रकार ये चार भंग हैं। १७. (१) अथवा कोई एक (मनुष्य) औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीर कायप्रयोगी होता है, १८. (२) अथवा एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, १९. (३) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, . २०. (४) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, इस प्रकार ये चार भंग हैं। २१. (१) अथवा एक आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होता है, २२. (२) अथवा एक आहारकशरीरकायप्रयोगी और अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं, २३. (३) अथवा अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होता है, २४. (४) अथवा अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी और अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होते हैं, इस प्रकार ये चार भंग हैं। २५. (१) अथवा एक आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, २६. (२) अथवा एक आहारकशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, २७. (३) अथवा अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, २८. (४) अथवा अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होते हैं, इस प्रकार ये चार भंग हैं। २९. (१) अथवा एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है,
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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