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________________ - ३१७ ) मध्यम परिषदा की देवियों की स्थिति दो पल्योपम की कही स्थिति अध्ययन मज्झिमियाए परिसाए देवीणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता। बाहिरियाए परिसाए देवीणं दिवड्ढं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता। -जीवा. पडि.३, उ.२,सु.११८-११९ ५८. णागकुमाराणं देवाणं ठिई प. णागकुमाराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? बाह्य परिषदा की देवियों की स्थिति डेढ पल्योपम की कही ५८. नागकुमार देवों की स्थिति. प्र. भन्ते ! नागकुमार देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है? उ. गौतम ! जघन्य दस हजार वर्ष की, उत्कृष्ट देशोन दो पल्योपम की। प्र. भन्ते ! अपर्याप्त नागकुमार देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है? उ. गौतम ! जघन्य भी अन्तर्मुहूर्त की, उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की। प्र. भन्ते ! पर्याप्त नागकुमार देवों की स्थिति कितने काल की कही उ. गोयमा ! जहण्णेण दस वाससहस्साई, उक्कोसेण दो पलिओवमाई देसूणाई। प. अपज्जत्तयाणं भंते ! णागकुमाराणं देवाणं केवइयं काल ठिई पण्णत्ता? उ. गोयमा ! जहणणेण वि, उक्कोसेण वि अंतोमुत्त। प. पज्जत्तयाणं भंते ! णागकुमाराणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? उ. गोयमा ! जहणणेण दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई उक्कोसेण दो पलिओवमाई देसूणाई अंतोमुहुत्तूणाई। -पण्ण.प.४,सु.३४९ ५९. नागकुमारीणं देवीणं ठिई प. नागकुमारीणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? उ. गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त कम दस हजार वर्ष की, उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त कम देशोन दो पल्योपम की। ५९. नागकुमार देवियों की स्थिति प्र. भन्ते ! नागकुमार देवियों की स्थिति कितने काल की कही उ. गोयमा ! जहण्णेण दस वाससहस्साई, उक्कोसेण देसूणं पलिओवमाइं२। प. अपज्जत्तियाणं भंते ! नागकुमारीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? उ. गोयमा ! जहण्णेण वि, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं। प. पज्जत्तियाणं भंते ! नागकुमारीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? उ. गोयमा ! जहण्णेण दस वाससहस्साई अंतोमुहत्तूणाई, उक्कोसेण देसूणं पलिओवमाई अंतोमुहत्तूणाई। -पण्ण. प.४, सु.३५० ६०. नागकुमारिंद धरण भूयाणदाणं परिसागय देव-देवीणं ठिई- उ. गौतम ! जघन्य दस हजार वर्ष की, उत्कृष्ट कुछ कम पल्योपम की। प्र. भन्ते ! अपर्याप्त नागकुमार देवियों की स्थिति कितने काल की ___कही गई है? उ. गौतम ! जघन्य भी अन्तर्मुहूर्त की, उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की। प्र. भन्ते ! पर्याप्त नागकुमार देवियों की स्थिति कितने काल की कही गई है? उ. गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त कम दस हजार वर्ष की, उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त न्यून कुछ कम पल्योपम की। प. धरणस्सणं भंते ! नागकुमारिदस्स नागकुमाररण्णो अभिंतरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? मज्झिमियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? ६०. नागकुमारेन्द्र धरण भूतानंद की परिषदागत देव-देवियों की स्थितिप्र. भन्ते ! नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज धरण की आभ्यन्तर परिषदा के देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है? मध्यम परिषदा के देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है? बाह्य परिषदा के देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है? उ. गौतम ! नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज धरण की बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? उ. गोयमा! धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो १. (क) अणु.कालदारे सु.३८४/२ (ख) विया.स.१,सु.६/३/१ (ग) सम. सम.१०,सु.१५ (ज.) (घ) सम.सम.२,सु.११(उ.) (ङ) ठाणं अ.२ उ.४ सु. १२४ (१) २. (क) अणु.कालदारे,सु.३८४/२ (ख) जीवा. पडि.२ सु.४७(३)
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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