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________________ जीव अध्ययन २. बादरनिगोदा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. सुहुमनिगोदा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. सुहुमनिगोदा पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । प. एएसिणं भंते ! सुहुमाणं, सुहुमपुढविकाइयाणं, सुहुमआउकाइयाणं, सुहुमतेउकाइयाणं, सुहुमवाउकाइयाणं, सुहुमवणस्सइकाइयाणं, सुहमनिगोदाणं, बादराणं, बादरपुढविकाइयाणं, बादर आउकाइयाणं, बादरतेउकाइयाणं, बादरवाउकाइयाण, बादरवणस्सइकाइयाणं, पत्तेयसरीर बादरवणस्सइकाइयाणं, बादरनिगोदाणं, बादरतसकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरतसकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. बादरतसकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, - २५३ ) २. (उनसे) बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म जीवों, सूक्ष्म पृथ्वीकायिकों, सूक्ष्म अकायिकों, सूक्ष्म तेजस्कायिकों, सूक्ष्म वायुकायिकों, सूक्ष्म वनस्पतिकायिकों, सूक्ष्म निगोदों, बादर जीवों, बादर पृथ्वीकायिकों, बादर अप्कायिकों, बादर तेजस्कायिकों, बादर वायुकायिकों, बादर वनस्पतिकायिकों, प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिकों, बादर निगोदों और बादर त्रसकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? ४. पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ५. बादरनिगोदा पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ६. बादरपुढविकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ७. बादरआउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ८. बादरवाउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ९. बादरतेउक्काइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर त्रसकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) बादर त्रसकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। ५. (उनसे) बादर निगोद पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, ७. (उनसे) बादर अप्कायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) बादर वायुकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ९. (उनसे) बादर तेजस्कायिक अपर्याप्तक - असंख्यातगुणे हैं, १०. (उनसे) प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक । अपर्याप्तक असंख्यातगणे हैं, ११. (उनसे) बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, १२. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक ___ असंख्यातगुणे हैं, १३. (उनसे) बादर अप्कायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १४. (उनसे) बादर वायुकायिक अपर्याप्तक असंख्यात १०. पत्तयेसरीरबादरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ११. बादरणिगोदा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १२. बादरपुढविकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १३. बादरआउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १४. बादरवाउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, गुणे हैं, १५. सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १६. सुहमपुढविकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, १७. सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, १8. सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, १९. सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, २०. सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, २१. सुहुमआउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, २२. सुहुमवाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, . १५. (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १६. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, १७. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, १८. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, १९. (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, २०. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, २१. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, २२. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं,
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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