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________________ २५२ ३. सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते! सुहुमआउकाइयाणं बादरआउकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा बादरआउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरआउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. सुहुमआउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। प. एएसिणं भंते ! सुहुमतेउकाइयाणं बादरतेउकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, द्रव्यानुयोग-(१)) ३. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक ___असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे है। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म अप्कायिकों और बादर अप्कायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर अप्कायिक पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर अप्कायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म अकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे है। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म तेजस्कायिकों और बादर तेजस्कायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर तेजस्कायिक अपर्याप्तक ___ असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक ___असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे है। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म वायुकायिक और बादर वायुकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर वायुकायिक पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर वायुकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक ___ असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं । प्र. भंते ! इन सूक्ष्म वनस्पतिकायिक और बादर वनस्पतिकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम !१.सबसे अल्प बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक हैं, ३. सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा प. एएसि णं भंते ! सुहुमवाउकाइयाणं बादरवाउकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा बादरवाउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरवाउकाइगा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. सुहुमवाउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! सुहमवणस्सइकाइयाणं बादरवणस्सइकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा बादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा, २. बादरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । २. (उनसे) बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक ____ संख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म निगोदों एवं बादर निगोदों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर निगोद पर्याप्तक है, प. एएसि णं भंते ! सुहुमनिगोदाणं बादरनिगोदाण य पज्जत्ताऽपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा बादरनिगोदा पज्जत्तगा,
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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