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________________ जीव अध्ययन २४९ ८. बादरवाउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ९. बादरतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १०. पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ११. बादरनिगोदा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १२. बादर पुढविकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १३. बादरआउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १४. बादरवाउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, १५. बादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा अणंतगुणा, १६. बादरपज्जत्तगा विसेसाहिया, १७. बादरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ८. (उनसे) बादर वायुकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ९. (उनसे) बादर तेजस्कायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १०. (उनसे) प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ११. (उनसे) बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, १२. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १३. (उनसे) बादर अप्कायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १४. (उनसे) बादर वायुकायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १५. (उनसे) बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, १६. (उनसे) बादर पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, १७. (उनसे) बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, १८. (उनसे) बादर अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, १९. (उनसे) बादर विशेषाधिक हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म जीवों, सूक्ष्म पृथ्वीकायिकों, सूक्ष्म अप्कायिकों, सूक्ष्म तेजस्कायिकों, सूक्ष्म वायुकायिकों, सूक्ष्म वनस्पतिकायिकों, सूक्ष्म निगोदों तथा बादर जीवों, बादर पृथ्वीकायिकों, बादर अप्कायिकों, बादर तेजस्कायिकों, बादर वायुकायिकों, बादर वनस्पतिकायिकों, प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिकों, बादर निगोदों और बादर त्रसकायिकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? १८. बादर अपज्जत्तगा विसेसाहिया', १९. बादरा विसेसाहिया। प. एएसि णं भंते ! सुहमाणं, सुहमपुढविकाइयाणं, सुहुमआउकाइयाणं, सुहुमतेउकाइयाणं, सुहुमवाउकाइयाणं, सुहुमवणस्सइकाइयाणं, सुहमनिगोदाणं, बादराणं, बादरपुढविकाइयाणं, बादरआउकाइयाणं, बादरतेउकाइयाणं, बादरवाउकाइयाणं, बादरवणस्सइकाइयाणं, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयाणं, बादरनिगोदाणं, बादरतसकाइयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा बादरतसकाइया, २. बादरतेउकाइया असंखेज्जगुणा, ३. पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया असंखेज्जगुणा, ४. बादरनिगोदा असंखेज्जगुणा, ५. बादरपुढविकाइया असंखेज्जगुणा, ६. बादरआउकाइया असंखेज्जगुणा, ७. बादरवाउकाइया असंखेज्जगुणा, ८. सुहुमतेउकाइया असंखेज्जगुणा, ९. सुहमपुढविकाइया विसेसाहिया, १०. सुहुमआउकाइया विसेसाहिया, ११. सुहुमवाउकाइया विसेसाहिया, १२. सुहुमनिगोदा असंखेज्जगुणा, १३. बादरवणस्सइकाइया अणंतगुणा, उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर त्रसकायिक हैं, २. (उनसे) बादर तेजस्कायिक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) बादर निगोद असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) बादर अकायिक असंख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) बादर वायुकायिक असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक असंख्यातगुणे हैं, ९. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक विशेषाधिक हैं, १०. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक विशेषाधिक हैं, ११. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक विशेषाधिक हैं, १२. (उनसे) सूक्ष्म निगोद असंख्यातगुणे हैं, १३. (उनसे) बादर वनस्पतिकायिक अनन्तगुणे हैं, १. जीवा. पडि.५, सु. २२१ (अ)
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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