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________________ २४८ उ. गोयमा १ सव्वत्योवा बादरवाउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरवाङकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा । प. एएसि णं भंते! बादरवणरसइकाइयाणं पञ्जत्तापज्जतगाण य कयरे कयरेहिंतो अया वा जाय विसेसाहिया वा ? उ. गोयमा! सव्वत्थोवा बादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा, २. बादरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा । १. प. एएसि णं भते ! पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयाण पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहियावा ? उ. गोयमा! 9. सव्वत्थोवा पत्तेयसरीरबादर वणस्सइकाइया पज्जत्तगा, २. पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया असंखेज्जगुणा । प. एएसि णं भंते ! बादरनिगोदाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा बादरनिगोदा पज्जत्तगा, अपज्जत्तगा २. बादर निगोदा अपण्णत्तगा असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! बादरतसकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? उ. गोयमा ! १ . सव्वत्थोवा बादरतसकाइया पज्जत्तगा, २. बादरतसकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा । प. एएसि णं भंते ! बादराणं, बादरपुढविकाइयाणं, बादर आउकाइयाणं, बादरतेउकाइयाणं, बादरवाउकाइयाणं, बादरवणस्सइकाइयाणं, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयाणं, बादरनिगोदाणं, बादरतसकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? उ. गोयमा १. सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरतसकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. बादरतसकाइया अपज्जतगा असंखेज्जगुणा, ४. पत्तेयसरीर बादरवणस्सइकाइया असंखेज्जगुणा, ५. बादरनिगोदा पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ६. बादरपुढविकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ७. बादर आउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, पज्जत्तगा द्रव्यानुयोग - (१) उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर वायुकायिक पर्याप्तक जीव हैं. २. ( उनसे ) बादर वायुकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते ! इन बादर बनस्पतिकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! 9 सबसे अल्प बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक जीव हैं, २. ( उनसे ) बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते! इन प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है? उ. गौतम ! १ सबसे अल्प प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक जीव हैं, २. ( उनसे प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते! इन बादर निगोद पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर निगोद पर्याप्तक जीव हैं, २. (उनसे) बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं प्र. भंते! इन बादर त्रसकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! 9 सबसे अल्प बादर त्रसकायिक पर्याप्तक जीव हैं, २. ( उनसे बादर सकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन बादर जीवों, बादर पृथ्वीकायिकों, बादर अकायिकों, बादर तेजस्कायिकों, बादर वायुकायिकों, बादर वनस्पतिकायिकों, प्रत्येक शरीर- बादर वनस्पतिकायिकों, बादर निगोदों और बादर त्रसकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, २. ( उनसे) बादर जसकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं. ३. ( उनसे ) बादर जसकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. ( उनसे) प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ५. ( उनसे) बादर निगोद पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ६. ( उनसे ) बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ७. ( उनसे) बादर अकाधिक पर्याप्तक असंख्य
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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