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________________ जीव अध्ययन २४७ प्र. भंते ! इन बादर पर्याप्तकों, बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तकों, बादर अकायिक पर्याप्तकों, बादर तेजस्कायिक पर्याप्तकों, बादर वायुकायिक पर्याप्तकों, बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तकों, प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तकों, बादर निगोद पर्याप्तकों एवं बादर त्रसकायिक पर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है? प. एएसि णं भंते! बादरपज्जत्तगाणं, बादरपुढविकाइयपज्जत्तगाणं, बादरआउकाइयपज्जत्तगाणं, बादरतेउकाइयपज्जत्तगाणं, बादरवाउकाइयपज्जत्तगाणं, बादरवणस्सइकाइयपज्जत्तगाणं, पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइयपज्जत्तगाणं, बादरनिगोदपज्जत्तगाणं, बादरतसकाइयपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाब विसेसाहिया वा? उ. गोयमा!१.सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरतसकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ३. पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ४. बादर निगोदा पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ५. बादरपुढविकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ६. बादरआउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ७. बादरवाउकाइया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ८. बादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा अणंतगुणा, ९. बादरपज्जत्तगा विसेसाहिया। प. एएसि णं भंते ! बादराणं पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा बादरापज्जत्तगा, २. बादरा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते! बादरपुढविकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा बादरपुढविकाइया पज्जत्तगा, उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर त्रसकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) प्रत्येक शरीर बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) बादर निगोद पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक. असंख्यात__गुणे हैं, ६. (उनसे) बादर अप्कायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) बादर वायुकायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, ९. (उनसे) बादर पर्याप्तक विशेषाधिक हैं। प. भंते ! इन बादर पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे ____ अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर पर्याप्तक जीव हैं, २. (उनसे) बादर अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते ! इन बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है? २. बादरपुढविकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते! बादरआउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण यकयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाब विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा बादरआउकाइया पज्जत्तगा, २. बादरआउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! बादरतेउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण यकयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पज्जत्तगा, उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक जीव हैं, २. (उनसे) बादर · पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते ! इन बादर अप्कायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर अप्कायिक पर्याप्तक जीव हैं, २. (उनसे) बादर अकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते ! इन बादर तेजस्कायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प बादर तेजस्कायिक. पर्याप्तक जीव हैं, २. (उनसे) बादर तेजस्कायिक अपर्याप्तक ___ असंख्यातगुणे हैं, प्र. भंते ! इन बादर वायुकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? २. बादरतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते! बादरवाउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्त गाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा?
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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