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________________ जीव अध्ययन १७. खेत्ताणुवाए णं १. संव्वत्थोवा तसकाइया अपज्जत्तगा तेलोक्के, २. उड्ढलोय - तिरियलोए संखेज्जगुणा, ३. अहोलोय- तिरियलोए संखेज्जगुणा, ४. उड्ढलोए संखेज्जगुणा, ५. अहोलोए संखेज्जगुणा, ६. तिरियलोए असंखेज्जगुणा । १८. खेत्ताणुवाए - १. सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा तेलोक्के, २. उड्ढलोय - तिरियलोए संखेज्जगुणा, ३. अहोलोय- तिरियलोए संखेज्जगुणा, ४. उड्ढलोए संखेज्जगुणा, ५. अहोलोए संखेज्जगुणा, ६. तिरियलोए असंखेज्जगुणा । - पण्ण. प. ३, सु. ३०७-३२४ १४३. सुहुम - बायर जीवाणं अप्पबहुत्तं प. एएसि णं भंते ! जीवाणं सुहुमाणं बायराणं नोहुमनोबायराण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा जीवा णोसुहुम णोबायरा, २. वायरा अनंतगुणा, - पण्ण. प. ३, सु. २६७ ३. सुहमा असंखेज्जगुणा' । १४४. सुम-वायर विवक्खया छण्डं जीवणिकाइयाणं अप्यवहुत प. एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहमपुढविकाइयाणं, सुहुम आउकाइयाणं, सुहुमतउक्काइयाणं सुहम वाउकाइयाणं सुमवणरसइकाइयाणं, मुहम- निगोदाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा सुहुमतउकाइया २. सुहुमपुढविकाइया विसेसाहिया, ३. सुहुम आउकाइया विसेसाहिया, ४. सुहुमवाउकाइया विसेसाहिया, ५. सुहुमनिगोदा असंखेज्जगुणा, ६. सुहुमवणस्सइकाइया अनंतगुणा, ७. सुहुमा विसेसाहिया । प. एएसि णं भंते ! सुहुमअपज्जत्तगाणं, सुहुमपुढविकाइयापज्जत्तगाणं सुहुम आउकाइयापज्जत्तगाणं, सुहुमतेउकाइयापज्जत्तगाणं सुहुमवाउकाइयापज्जत्तगाणं, सुहुम-वणस्सइकाइयापज्जत्तगाणं, सुहुमणिगोदापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहियावा ? १. जीवा. पडि. ९, सु. २४० १७. क्षेत्र की अपेक्षा २४३ १. सबसे अल्प त्रसकायिक अपर्याप्तक जीव त्रैलोक्य में हैं, २. ( उनसे ) ऊर्ध्वलोक तिर्यकुलोक में संख्यातगुणे हैं, ३. ( उनसे) अधोलोक तिर्यकृलोक में संख्यातगुणे हैं, ४. ( उनसे ) ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणे हैं, ५. ( उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, ६. ( उनसे ) तिर्यकुलोक में संख्यातगुणे हैं। १८. क्षेत्र की अपेक्षा १. सबसे अल्प त्रसकायिक पर्याप्तक जीव त्रैलोक्य में हैं, २. उनसे ) ऊर्ध्वलोक तिर्थकुलोक में संख्यातगुणे हैं, ३. ( उनसे) अधोलोक तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, ४. ( उनसे ) ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणे हैं, ५. ( उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, ६. ( उनसे ) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं। १४३. सूक्ष्म और बादर जीवों का अल्पबहुत्व प्र. भंते! इन सूक्ष्म, बादर और नोसूक्ष्म नोबादर जीवों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प नोसूक्ष्म नोबादर जीव हैं, २. ( उनसे) बादर जीव अनन्तगुणे हैं, ३. ( उनसे भी) सूक्ष्म जीव असंख्यातगुणे है। १४४. सूक्ष्म - बादर की विवक्षा से षड्कायिक जीवों का अल्पबहुत्व प्र. भंते! इन सूक्ष्म सूक्ष्म पृथ्वीकायिक, सूक्ष्म अकायिक, सूक्ष्म तेजस्कायिक, सूक्ष्म वायुकायिक, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक एवं सूक्ष्म निगोदों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक है ? उ. गौतम ! 9. सबसे अल्प सूक्ष्म तेजस्कायिक हैं, २. ( उनसे ) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक विशेषाधिक है, ३. ( उनसे ) सूक्ष्म अप्कायिक विशेषाधिक हैं, ४. ( उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक विशेषाधिक है, ५. ( उनसे ) सूक्ष्म निगोद असंख्यातगुणे हैं, ६. ( उनसे ) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अनन्तगुणे हैं, ७. ( उनसे) सूक्ष्म जीव विशेषाधिक है। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म अपर्याप्तक, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म अष्कायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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