SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 351
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २४४ - उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा, २. सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, ३. सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, ४. सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, ५. सुहुमनिगोदा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ६. सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा, द्रव्यानुयोग-(१) ). उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक हैं, २. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म अकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, ५. (उनसे) सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक ____ अनन्तगुणे हैं, ७. (उनसे) सूक्ष्म अपर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म पर्याप्तक, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक और सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? ७. सुहुमा अपज्जत्तगा विसेसाहिया। प. एएसि णं भंते ! सुहुमपज्जत्तगाणं, सुहुमपुढविकाइय पज्जत्तगाणं, सुहुमआउकाइय- पज्जत्तगाणं, सुहुमतेउकाइयपज्जत्तगाणं, सुहुमवाउकाइय-पज्जत्तगाणं, सुहुमवणस्सइकाइय पज्जत्तगाणं, सुहुमनिगोदपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा, २. सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, ३. सुहुमआउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, ४. सुहुमवाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, ५. सुहुमनिगोदा पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, ६. सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तगा अणंतगुणा, ७. सुहुमा पज्जत्तगा विसेसाहिया। प. एएसि णं भंते ! सुहमाणं पज्जत्तापज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा सुहुमा अपज्जत्तगा, २. सुहुमा पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! सुहुमपुढविकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्त गाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तगा, २. सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, ४. (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, ५. (उनसे) सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, ७. (उनसे) सूक्ष्म पर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन __किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम !१. सबसे अल्प सूक्ष्म अपर्याप्तक जीव है, २. (उनसे) सूक्ष्म पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प यावत विशेषाधिक हैं ? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक जीव हैं, २. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक जीव ___संख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? प. एएसि णं भंते ! सुहुमआउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्त गाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१. सव्वत्थोवा सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा, २. सुहुमआउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सूक्ष्म अफ्कायिक अपर्याप्तक - जीव हैं, २. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ? प. एएसि णं भंते ! सुहुमतेउकाइयाणं पज्जत्तगापज्जत्त गाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा?
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy