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________________ २४२ ५. उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, ६. अहोलोए विसेसाहिया। १२. खेत्ताणुवाएणं १. सव्वत्थोवा वाउकाइया पज्जत्तगा उड्ढलोय___ तिरियलोए, २. अहोलोय-तिरियलोए विसेसाहिया, ३. तिरियलोए असंखेज्जगुणा, ४. तेलोक्के असंखेज्जगुणा, ५. उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, ६. अहोलोए विसेसाहिया। १३. खेत्ताणुवाए णं १. सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया उड्ढलोय-तिरियलोए, २. अहोलोय-तिरियलोए विसेसाहिया, ३. तिरियलोए असंखेज्जगुणा, ४. तेलोक्के असंखेज्जगुणा, ५. उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, ६. अहोलोए विसेसाहिया। १४. खेत्ताणुवाएक१. सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा उड्ढलोय तिरियलोए, २. अहोलोय-तिरियलोए विसेसाहिया, ३. तिरियलोए असंखेज्जगुणा, ४. तेलोक्के असंखेज्जगुणा, ५. उड्ढलोए संखेज्जगुणा, ६. अहोलोए विसेसाहिया। १५. खेत्ताणुवाए णं १. सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया पज्जत्तगा उड्ढलोय तिरियलोए, २. अहोलोय-तिरियलोए विसेसाहिया, ३. तिरियलोए असंखेज्जगुणा, ४. तेलोक्के असंखेज्जगुणा, ५. उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, ६. अहोलोए विसेसाहिया। १६. खेत्ताणुवाए णं १. सव्वत्थोवा तसकाइया तेलोक्के, २. उड्ढलोए-तिरियलोए संखेज्जगुणा, ३. अहोलोय-तिरियलोए संखेज्जगुणा, ४. उड्ढलोए संखेज्जगुणा, ५. अहोलोए संज्जगुणा, ६. तिरियलोए असंखेज्जगुणा। द्रव्यानुयोग-(१) ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) अधोलोक में विशेषाधिक है। १२. क्षेत्र की अपेक्षा १. सबसे अल्प वायुकायिक पर्याप्तक ऊर्ध्वलोक __तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) अधोलोक तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। १३. क्षेत्र की अपेक्षा १. सबसे अल्प वनस्पतिकायिक जीव ऊर्ध्वलोक ___तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) अधोलोक तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। १४. क्षेत्र की अपेक्षा१. सबसे अल्प वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) अधोलोक तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। १५. क्षेत्र की अपेक्षा १. सबसे अल्प वनस्पतिकायिक पर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) अधोलोक तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं। ४. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) अधोलोक में विशेषाधिक हैं। १६. क्षेत्र की अपेक्षा १. सबसे अल्प त्रसकायिक जीव त्रैलोक्य में हैं, २. (उनसे) ऊर्ध्वलोक तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) अधोलोक तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में संख्यातगुणे हैं, . ५. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं।
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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