SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 44
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अस्नान, पृथ्वीशयन, अंदतघर्षण, स्थिति भोजन, एक भक्त- ये जैन साधुओं के अट्ठाइस मूल गुण हैं।" ____ संक्षेप में दिगम्बर मुनि के इन अट्ठाइस पूल गुणों का विवेचनात्मक वर्णन यह (१) अहिंसा महाव्रत- पूर्णतः मन-वचन-कायपूर्वक अहिंसा धर्म का पालन करना। (२) सत्य महाव्रत- पूर्णतः रसायका पाल | (३)अस्तेय महाव्रत-अस्तेय धर्म का पालन करना। (४) ब्रह्मचर्य महाव्रत- ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करना। (५) अपरिग्रह महाव्रत-अपरिग्रह धर्म का पालन करना। (६) ईर्या समिति- प्रयोजनवश निजींच मार्ग से चार हाथ जमीन देखकर चलना। (७)भाषा समिति- पैशून्य, व्यर्थ हास्य, कटोर वचन, परनिंदा, स्वप्रशंसा, स्त्री कथा, भोजन कथा, राज कथा, चोर कथा इत्यादि वार्ता छोड़कर मात्र स्वपरकल्याणक वचन बोलना। (८)एपण समिति- उग्दमादि छियालीस दोषों से रहित्, कृतिकारित नौ विकल्पों से रहित, भोजन में रागद्वेषरहित- समभाव से- बिना निमंत्रण स्वीकार करे, भिक्षा-वेला पर दातार द्वारा पड़गाहने पर इत्यादि रूप भोजन करना। (९)आदाननिक्षेपण समिति- ज्ञानोपकरणादि-पुस्तकादि का यत्नपूर्वक देखभाल कर उठाना-धरना। (१०)प्रतिष्ठापना समिति एकान्त, हरित व त्रसकायरहित, गुप्त, दूर, बिल-रहित, चौड़े, लोकनिन्दा व विरोध रहित स्थान में मल-मूत्र क्षेपण करना। (११)चक्षुनिरोध व्रत- सुन्दर व असुन्दर दर्शनीय वस्तुओं में राग-द्वेषादि तथा आसक्ति का त्याग। (१२)कर्णेन्द्रिय निरोध व्रत- सात स्वर रूप जीवशब्द (गान) और वीणा आदि से उत्पत्र अजीव शब्द रागादि के निमित्त कारण है, अतः इनका न सुनना। (१३)नाणेन्द्रिय निरोध व्रत- सुगन्धि और दुर्गन्ध में राग-द्वेष नहीं करना। (१४)रसनेन्द्रिय निरोध व्रत- जिह्वालम्पटता के त्याग सहित और आकांक्षा रहित परिणामपूर्वक दातार के यहाँ पिले भोजन को ग्रहण करना। (१५) स्पर्शनेन्द्रिय निरोध व्रत- कठोर. नरम आदि आठ प्रकार का दुःख अथवा सुख रूप स्पर्श में हर्ष- विपाद न रखना। दिगम्बरत्व और दिगम्बर मुनि (41)
SR No.090155
Book TitleDigambaratva Aur Digambar Muni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherDigambar Jain Sarvoday Tirth
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy