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________________ 153 130 , 150 24, 25, 89,97, 112 . 115, 116, 117 सूरवंश सूरित्राण सूरीपुर सूरीसिंह क्षुल्लक हिन्दू हिमशीतल हिमालय हरिविजयसूरि हेनसांग 69 161 सूर्यवंश 106 161 160 154 30, 51,86,88,89, 108, 146 153 112 हुमायू 78 हुल्ल हुविष्क हुमड़ हमसगढ़ 37, 146 130 90 149 हूण 150 हेमचन्द्र हेमांगदेश हैदर अली होयसाल क्षपणक 112 108, 111, 140 53, 54, 69,83, 19, 101,45,44, 58 सूर्यसागर सेठ घासीराम सेनगण सेनवंश सेन्ट मेरी सेरिंग का वंश सोमदेव सूरि सोमसेन सोमेश्वर राजा सोलंकी सौंदत्ति सौराष्ट्र हजारीलाल हठयोगप्रदीपिका हथी सहस हदीस हदूवल्ली हम्मीर महाराणा हरिवंशपुराण हरिपेण हर्पवर्द्धन हरिहर द्वितीय हन्या हस्तिनापुर हाथरस हाथीगुफा हारीतिको हालास्य माहत्म्य 161 21, 22 125 क्षत्रिय 33 क्षुल्लक 40, 159, 160 150, 153 141 112 क्षेमकीर्ति 96 विदण्डी 62,101 त्रिपिटक त्रिभुवकीर्ति 86, 87,89 त्रिमुष्टि मुनीन्द्र 112 त्रिशला ज्ञात ज्ञातृपुत्र ज्ञान भूषण ज्ञान वैराग्य संयासी ज्ञान सन्यासी 122 / ज्ञान सागर 56,61. 124 29 (192)
SR No.090155
Book TitleDigambaratva Aur Digambar Muni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherDigambar Jain Sarvoday Tirth
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size4 MB
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