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विषय
परमें दुःख-सुख से पाप-पुण्यके
एकान्तकी सदोषता
स्वमें दुःख-सुखसे पुण्य-पाप के एकान्तकी सदोषता
उक्त उभय तथा अवक्तव्य
एकान्तों की सदोषता पुण्य-पापकी निर्दोष व्यवस्था अज्ञानसे बन्धका और अल्प
देवागम
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ज्ञानसे मोक्षका एकान्त उक्त उभय और अवक्तव्य एकान्तों की सदोषता अज्ञान अल्पज्ञानसे बन्ध-मोक्षकी निर्दोष-विधि कर्मबन्धानुसार संसार विविधरूप और बद्ध जीव शुद्धि - अशुद्धिके भेदसे दो भेदरूप शुद्धि - अशुद्धि दो शक्तियोंक सादि-अनादि व्यक्ति
प्रमाणका लक्षण और उसके
भेद
प्रमाणों का फल स्यात् निपातकी अर्थ-व्यवस्था १०४
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विषय
स्याद्वादका स्वरूप
स्याद्वाद और केवलज्ञानमें
भेद-निर्देश नय-हेतुका लक्षण
द्रव्यका स्वरूप और भेदोंकी
सूचना
निरपेक्ष और सापेक्ष नयोंकी
स्थिति
वस्तुको विधि-वाक्यादि-द्वारा नियमित किया जाता है
वाक्य अवस्तु
अभिप्रेत विशेष की प्राप्तिका
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सच्चा साधन
स्याद्वाद-संस्थिति
आप्त-मीमांसाका उद्देश्य अनुवादकीय - अन्त्य - मंगल
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तदतद्रूप वस्तुको तद्रूप ही कहनेवाली वाणी सत्य नहीं
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वाक्-स्वभाव-निर्देश, तद्भिन्न
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