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समन्तभद्र-भारती
उपासकोंको उन्होंने बड़ा लाभ पहुँचाया है । परम प्रमोदका विषय है कि वे ९० वर्षकी वयमें भी शासन-सेवामें संलग्न हैं। हम उनके शतवर्षी होनेकी हृदयसे कामना करते हैं । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, दरबारीलाल कोठिया
२९ मार्च, १९६७