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________________ (देव शिल्प मापका आधुनिक मान वर्तमान में सारे विश्व में दो पद्धतियों से माप होता है - १. मैट्रिक प्रणाली २. ब्रिटिश प्रणालो मैट्रिक प्रणाली - इसका भाप मीटर से होता है। एक मीटर के १०० सेन्टीमीटर तथा १ रो.मी. का १० गिली गोटर होते हैं। १००० मोटर का एक किलोमीटर होता है । मीटर में प्रामाणिक माप फ्रांस में सुरक्षित रखा है। इसी के आधार पर सारी वैज्ञानिक गणनाएं की जाती है। ब्रिटिश प्रणाली - इसका आधार फुट है। १२ इंच का एक फुट, २२० फुट का एक फलांग तथा ८ फलांग का एक मील होता है। ३ फुट का एक गज होता है। सावधानी रखें कि शिल्प ग्रन्थों में उल्लेखित गज का मान एवं ३६ इंच का एक गज ये दोनों मान पृथक-पृथक हैं। प्राचीन एवं नवीन प्रणाली का समन्वय इरा सन्दर्भ में २४ अंगुल = २४ इंच = एक गज या हाथ मान कर प्रयोग करना चाहिए। वर्तमान के राभी शिल्पी प्राचीन शास्त्रों के माप का इसी प्रकार प्रयोग करते हैं। * गज का प्रयोग मज का निर्माण धातु अथवा काष्ठ से करें। उसके नाम के ९ भाग करने चाहिये। ९ भागों के नाम नौ देवताओं के नाम पर किये गये हैं। सूत्रधार अथवा शिल्पकार को नवीन कार्यारम्भ करते समय गज को दो भागों के मध्य से उठाना चाहिये। उठाते समय गज का गिरना अशुभ होता है। इससे कार्य में विघ्ना की सूचना मिलती है। विश्व रुद्र वायु कर्मा अग्नि ब्रह्मा यम बरुण कुबेर विष्णु ------------------------------- "पदंगाल चउबीसहि छत्तीसिं करंगुलेहि कंबिआ। अहिं जधपज्झेहि पदंगुलु इक्कु जागेह ।। द.सा. १/४९ पासाय सयमंदिर तहाचा पायार बत्यभूमी य । इअ कंबीहि गणिज्जड निहसाभिकरेहि निहवत्य ।। व.सा. १/५०
SR No.090130
Book TitleDevshilp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnandi Maharaj
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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