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समा
(देव शिल्प)
तीर्थकर मुनिसुवत नाथ मुनिसुब्रत जिन वल्लभप्रासाद
मानस तुष्टि प्रासाद
तल का विभाग प्रासाद की वर्गाकार भूमि के १४ भाग करें। उसमें
कोण २ भाग प्ररथ २ भाग भद्रार्ध ३ भाग करें।
शिखर की सगा कोण के ऊपर २ क्रम चढ़ाएं (केसरी व सर्वतोभद्र) प्ररथ के ऊपर २ क्रम चढ़ाएं (केसरी व सर्वतोभद्र) भद्र के ऊपर १२ उरुश्रृंग चढ़ाएं
श्रृंग संख्या कोण प्ररथ ४८ भद्र १२ शिखर
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कुल ८५
मनोल्याचन्द्रप्रसाद इसका निर्माण मानसतुष्टि प्रासाद के पूर्वोक्त मान से करें । लथा उसमें प्ररथ के ऊपर एक एक तिलक चढ़ावें। श्रृंग संख्या तिलक संख्या पूर्ववत् ८५ प्ररथ ८
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कुल ८५ कुल
श्रीभवप्रासाद इसका निर्माण मनोल्या चन्द्र प्रासाद के पूर्वोक्त गान से करें उसमें कोण के ऊपर श्रृंगों के बदले में दो केसरी श्रृंग चढ़ावें। श्रृंग संख्या तिलक संख्या
४० प्ररथ प्ररथ
४८
कर्ण
भद्र
१२
शिखर
मुनिसुव्रत जिन वल्लभ प्रासाद ---
मानस तुष्टि प्रासाद
१०१ कुल
८