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(देव शिल्प)
तीर्थकर अरहनाथ अरहनाथ जिन वल्लभ प्रासाद
कमल कन्द प्रासाद तल का विभाग प्रासाद को तगाकार शनि के ८ भाग कर। उस
२भाग भद्रा
बनायें। शिखर की सजा को के ऊपर एक एक श्रृंग (केसरी) चढ़ाएं। गद्र के ऊपर उदगग बायें। अंग संख्या यो २० शिखर
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श्रीशैल प्रासाद इसका निमाण कमल कन्द प्रसाद के पूर्वो मान से करें तथा उसमें योग के ऊपर एक एक तिलक चढ़ावें। श्रृंग संख्या
तिलक संख्या क। २० कोण ४ शिखर १
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कुल २१
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अरिनाशन प्रासाद इराका निमाण श्री शैल प्रासाद के पूर्वोh मान से करें संथः उरामें भद्र के ऊपर एक एक उरुश्रंग चढ़ावें। . श्रृंग संख्या
तिलक संख्या कोण
मोण ४ गद्र ४ शिखर
कुल २५
कुल ४