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(देव शिल्प
तीर्थकर विमलनाथ विमल जिन वल्लभ प्रासाद
वर्गाकार भूमि के २४ भाग करें। उनमें से कोण ३ भाग प्रतिकर्ण ३ भाग कोणिका १ भाग नन्दिका १ भाग भद्रार्ध भाग बनायें।
भद्र का निर्गम एक भाग रखें। रथ तथा कर्ण यः। निर्गम सगदल रखें।
शिखर की सजा
कोण के ऊपर प्रतिकर्ण के ऊपर मंदिका के ऊपर कोणिका के ऊपर भद्र के ऊपर प्रत्यग
३ श्रृंग चढ़ायें २ श्रृंग चढ़ायें ; १ श्रृंग १ फूट चढायें ; १ श्रृं। १ कूट चढ़ायें ; ५ उरुश्रृंग चढ़ायें तथा ८. चढ़ायें।
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Akan
जिनल जिल्ला प्रसाद