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(देव शिल्प
तीर्थकर सुविधि नाथ प्रासाद सुविधि जिन वल्लभ प्रासाद
हितुराज प्रासाद इसका मर्माण, श्रीचन्द्र पारा के पूर्वोतमा। रो करें तथा AL उसमें जी ला दी के उपर गाएक एक तिला पायें। श्रियांश प्रासाद ताल का विभाग प्रासाद बीवीकार के २४ ना करें
काग ३माग प्रतिस्थ ३ उपर ३भाग
दार्थ निर्गन में ये राब रा रखें। शिखर की सजा
भद्र को ऊपर २ऊरश्रृंग नहाएं कोना के अपर ड्रग तथा १ तिलक बहावें प्रतिरथ के ऊपर २ श्रृंग तथा १ तिलक चहावे उपरथ के ऊपर २ श्रृंग चढ़ायें। श्रृंग संख्या
तिलक संख्या कोण ८
कोण है प्रतिका १६
प्रतिकण . रापत्य
भद्र
शिखर
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पुल
४९
कुल
१२
श्रयांश प्रासाद