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(देव शिल्प)
तीबकरपाका पदमप्रभ जिन वल्लभ प्रासाद
तल का विभाग प्रासाद को चार मनिक २० गग करें। उसमें हो
कोना २० प्रतिरः २ भाग काना ही भाग
ना। सं।
पा
शिखर की सज्जा कोमा के ऊपर सोम चढ़। (कतरी तथा
सर्वतोगट्रो प्रतिस्थले पर दो का नहाएं (भोसरी तथा
सर्वतोभद्र): वाणिजार एक श्रृंग एक कूट द्वाएं .) के मार ए. । एक कूट बढ़ाएं।
अंग संख्या
संख्या
पर्णिका
११२
प्रतिस्थ कणिका
प्रत्या
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कुल
२८२
पुल