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महीधर प्राशाद
(देव शिल्प
०
भ्रम
मिति
१७. महीधर प्रासाद
तल का विभाग
तल के दस भाग करें।
वर्गाकार
भद्रार्ध, कर्ण, प्रतिकर्ण, रथ तथा उपरथ प्रत्येक एक- एक भाग का बनायें । इनका निर्गम भी एक- एक भाग का रखें। भद्र का निर्गम आधे भाग का रखें।
शिखर सज्जा
कोना, प्रतिरथ तथा भद्र के ऊपर दो- दो श्रृंग चढ़ायें तथा स्थ और प्रतिरथ के ऊपर एक- एक तिलक चढ़ायें ।
रथ के ऊपर प्रत्यंग चढ़ायें। भद्र मत्तावलम्ब ( गवाक्ष) वाला बनायें। तिलक संख्या
श्रृंग संख्या
कोण
रथ
प्रस्थ
उपरथ
भद्र
प्रत्यंग
शिखर
श्रृंग संख्या
कोण ८
१६
प्रस्थ
भद्र
प्रत्यंग ८
शिखर
9
८
१२
१६
८
१
४१८
कुल
१८. कैलास प्रासाद
इराका निर्माण महीधर प्रासाद की भांति करें तथा उसमें भद्र के ऊपर एक और तीसरा श्रृंग
चढ़ावें ।
तिलक संख्या
रथ
उपरथ
८
८
कुल ४१ महीधर प्रासाद नौ अंग वाला है
दो कर्ण, दो प्रतिकर्ण, दो रथ, दो उपरथ तथा भद्रा
:
८
८
१६
कुल
४५
कुल
१६
कैलास प्रासाद नौ अंग वाला है :- दो कर्ण, दो प्रतिकर्ण, दो रथ, दो उपरथ तथा भद्र ।